मुंबई। शिवसेना ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को मुंबई में बाहरी लोगों के योगदान की तारीफ करने वाले अपने गैरजिम्मेदाराना बयान को वापस लेना चाहिए। देवेंद्र फडनवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार और केंद्र में राजग गठबंधन का सहयोगी दल शिवसेना कई मुद्दों को लेकर अक्सर भाजपा पर निशाना साधता रहता है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा कि मुंबई पर मराठी लोगों का पहला अधिकार और दावा है। फडनवीस का बयान महाराष्ट्र का अपमान है। संपादकीय में कहा गया है कि फडनवीस को अपना गैर जिम्मेदाराना बयान वापस लेना चाहिए। फडनवीस ने मुंबई के विकास में उत्तर भारतीयों और अन्य राज्यों के लोगों के योगदान की तारीफ की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की वित्तीय राजधानी ने हमेशा कई लोगों को शरण दी है और यहां रहने वाले लोगों ने शहर की प्रतिष्ठा बढ़ाई है।
उन्होंने बुधवार को घाटकोपर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि मेरा मानना है कि जो बातें मुंबई को महान बनाती है उनमें वे लोग भी हैं जो विभिन्न राज्यों से आते हैं और यहां बस जाते हैं। वे भी मुंबई को महान बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि आज जब हम मुंबई और महाराष्ट्र की बात करते हैं तो तुरंत उत्तर भारतीय समुदाय की ओर देखते हैं। इस शहर ने हमेशा कई लोगों को शरण दी है और जिन लोगों को यहां आश्रय मिला है उन्होंने हमेशा शहर की प्रतिष्ठा बढ़ाई है।
भाजपा नेता ने कहा कि आज, हम कह सकते हैं कि मुंबई में बसे उत्तर भारतीय समुदाय ने हमेशा शहर की प्रतिष्ठा बढ़ाने का काम किया है। (भाषा)