जम्मू। वैष्णोदेवी यात्रा में शामिल होने वालों पर कोरोना की मार पड़ने का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि 2 दिनों में वैष्णोदेवी की यात्रा में शामिल होने वालों में संक्रमितों की संख्या 200 को पार कर चुकी है जिसके बाद हड़कंप तो मचा हुआ है। पर बावजूद इसके, श्राइन बोर्ड पिछले साल 16 अगस्त से आरंभ हुई यात्रा को रोकने के पक्ष में नहीं है जिसके प्रति एक सच्चाई यह भी है कि श्रद्धालुओं के लिए वह प्रतिदिन सैकड़ों की जान सांसत में डाल रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि वैष्णोदेवी की यात्रा में शामिल होने वालों में 2 दिनों के भीतर 200 से ज्यादा नए कोरोना संक्रमित मामले सामने आए हैं। गुरुवार को 100 और शुक्रवार को 30 मामले सामने आए हैं। कुल मिलाकर 200 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इतने कोरोना संक्रमित मिलने के बाद रियासी जिलायुक्त कटड़ा के उन इलाकों को रेड जोन घोषित करना चाहते हैं, जहां मामले सामने आए हैं, पर इसको लेकर श्राइन बोर्ड तथा जिलायुक्त कार्यालय के बीच तनातनी का माहौल है। दरअसल, नियमों के मुताबिक जिस इलाके से 8 या 10 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आते हैं, उस इलाके को रेड जोन घोषित कर दिया जाता है, पर वैष्णोदेवी की यात्रा को लेकर खतरा मोल लिया जा रहा है।
करीब 5 महीने के अंतराल के बाद 16 अगस्त 2020 को माता वैष्णोदेवी की यात्रा शुरू कर दी गई, लेकिन इस यात्रा के शुरू होने के साथ ही कोरोना संक्रमण तेजी से वैष्णोदेवी में फैल रहा हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार शाम को माता वैष्णोदेवी यात्रा में शामिल होने के लिए आने वाले बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं में से 30 कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
यात्रा के दौरान अन्य राज्यों के साथ ही जम्मू-कश्मीर के रेड जोन क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर रैपिड टेस्ट किया जा रहा है। इसके लिए प्रशासन द्वारा कटड़ा के नए बस अड्डों के साथ ही वैष्णोदेवी के प्रवेश मार्ग यानी दर्शनी ड्योढ़ी में रैपिड कोविड सेंटर बनाए गए हैं, जहां श्रद्धालुओं का डॉक्टरों द्वारा कोविड टेस्ट किया जा रहा है। जिन श्रद्धालुओं की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो डॉक्टरों द्वारा उनकी बाजू पर मुहर लगाई जाती है ताकि वैष्णोदेवी यात्रा के दौरान जांच कर रहे अधिकारियों को श्रद्धालु बाजू पर लगाई गई मुहर दिखा सकें।
इससे पहले परसों यहां करीब 100 संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई थी। यात्रा मार्ग में कोरोना मामलों में हुई इस बढ़ोतरी के बाद श्राइन बोर्ड ने यात्रा मार्ग पर ही कोविड केयर फैसिलिटी की शुरुआत की है और सभी संक्रमित लोगों को एक भवन में रखने का फैसला किया है। कइयों को वापस भी भेज दिया गया है।