नई दिल्ली। जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर अपनी वह याचिका वापस ले ली जिसमें उसने पंजाब पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ की आशंका के चलते आवश्यक सुरक्षा देने का अनुरोध किया था। बिश्नोई पर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल होने का संदेह है।
बिश्नोई के वकील ने न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा से कहा कि बिश्नोई याचिका वापस लेना चाहता है और इसे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष दायर करना चाहता है। अदालत इस पर याचिका खारिज कर दी।
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (अपराधी) संजय लाउ ने कहा कि याचिका दिल्ली में विचार करने योग्य नहीं है। याचिका में तिहाड़ जेल प्राधिकरण और दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि पंजाब पुलिस सहित किसी अन्य राज्य पुलिस को उसकी हिरासत देने से पहले उसकी सुरक्षा के लिए वीडियोग्राफी सहित आवश्यक उपाय किए जाएं।
बिश्नोई ने पहले यहां एक जिला अदालत का रुख किया था, जिसने उसकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
बिश्नोई कड़े महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज एक मामले के सिलसिले में तिहाड़ जेल में बंद है और उसे शस्त्र अधिनियम के मामले में गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की तीन दिन की हिरासत में भेज दिया गया था।
पंजाब के मानसा जिले में 29 मई को अज्ञात हमलावरों ने प्रख्यात पंजाब गायक सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना से एक दिन पहले राज्य सरकार ने उनकी सुरक्षा में कटौती की थी। मूसेवाला के साथ जीप में यात्रा कर रहे उनके चचेरे भाई और एक दोस्त हमले में घायल हो गए।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 28 वर्षीय मूसेवाला की हत्या की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की है।
शुभदीप सिंह सिद्धू, जिन्हें सिद्धू मूसेवाला के नाम से जाना जाता है, उन 424 लोगों में शामिल थे जिनकी सुरक्षा 28 मई को अस्थायी रूप से वापस ले ली गई थी या कम कर दी गई थी।
बिश्नोई ने अधिवक्ता विशाल चोपड़ा के माध्यम से उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में केंद्रीय तिहाड़ जेल अधिकारियों को किसी भी पेशी वारंट पर किसी अन्य राज्य पुलिस को उसकी हिरासत देने से पहले उसके वकीलों को पूर्व सूचना देने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।
उसने कहा कि उसे पंजाब पुलिस द्वारा वहां के राजनीतिक दलों के बीच राजनीतिक अशांति के कारण फर्जी मुठभेड़ का शिकार बनाए जाने की आशंका है।
पंजाब के पुलिस प्रमुख वी के भावरा ने दावा किया था कि प्रथम दृष्टया यह लॉरेंस बिश्नोई गुट और लकी पटियाल समूह के बीच एक अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता प्रतीत होती है। कनाडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बरार ने 29 मई को हत्या की जिम्मेदारी ली और कहा है कि इसकी साजिश उसने और लॉरेंस बिश्नोई गुट ने रची थी।