शिमला। लोगों को मुगालता है कि हिमाचल प्रदेश में पानी की कमी तो हो ही नहीं सकती लेकिन सच में इस वर्ष मार्च में हिमपात तथा बारिश कम होने से राज्य को सूखे जैसे हालात का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के बुधवार को ये आंकड़े जारी किए।
विभाग के प्रभारी मनमोहन सिंह ने कहा कि राज्य में मार्च में सामान्य से 62 प्रतिशत कम बारिश हुई। राज्य के 12 जिलों में ये हालात हैं। गत 8 मार्च को हंसा में 5 सेमी, समदो 4 सेमी, कल्पा दो सेमी, रामपुर 32.5 मिमी, सराहां 31.0 मिमी, झंझेली 28.0 मिमी, बिजाही 26.0 मिमी, गोहर 26.0 मिमी, कुमारसेन 21.6 मिमी और शिलारो में 21.1 मिमी तक बारिश हुई।
गत 22 मार्च को उदैपुर में 25.8 सेमी, गोंदाला 15 सेमी, केलांग 9 सेमी, हंसा 5 सेमी, मनाली 30 मिमी, तिस्सा 27 मिमी और गोहर में 25 मिमी तक बारिश हुई। इसके अलावा ऊना में मंगलवार को अधिकतम पारा 36 डिग्री और केलांग में 24 मार्च का न्यूनतम पारा शून्य से कम 5 डिग्री रहा।
पिछले सालों के दौरान राज्य में मार्च माह के दौरान 190 मिमी तक बारिश हुई। कांगड़ा जिले में सामान्य से 84 फीसदी कम बारिश होने के कारण सूखे जैसे हालात बने हैं। हमीरपुर में 79 फीसदी, सिरमौर 77 फीसदी, बिलासपुर 74 फीसदी, ऊना 71 फीसदी, सोलन 67 फीसदी, चंबा 62 फीसदी, किन्नौर 58 फीसदी, शिमला 41 फीसदी, लाहुल स्पीति 40 फीसदी, कुल्लू 40 फीसदी, मंडी में 40 फीसदी कम बारिश हुई। 7 जिलों में 60 से 99 प्रतिशत और 5 जिलों में 20 से 59 प्रतिशत तक पानी की कमी रही। (वार्ता)