Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

मशहूर कवि, गीतकार गोपालदास नीरज पंचतत्व में विलीन

Advertiesment
हमें फॉलो करें मशहूर कवि, गीतकार गोपालदास नीरज पंचतत्व में विलीन
अलीगढ़/ आगरा (उप्र) , शनिवार, 21 जुलाई 2018 (22:31 IST)
अलीगढ़/ आगरा (उप्र)। मशहूर कवि, गीतकार पद्मभूषण गोपालदास नीरज का अंतिम संस्कार शनिवार को अलीगढ़ में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया गया। प्रदर्शनी मैदान के पास स्थित श्मशानघाट पर उन्हें प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
 
पूर्व में नीरज की इच्छा के मुताबिक उनके पार्थिव शरीर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को दान किया जाना था, लेकिन लगातार खराब स्वास्थ्य के कारण उनके विभिन्न अंग इस स्थिति में नहीं रह गए थे कि उन्हें चिकित्सा शोध कार्य में इस्तेमाल किया जाता, लिहाजा परिजनों ने ऐन वक्त पर अंतिम संस्कार का फैसला किया।
 
गौरतलब है कि गोपालदास नीरज का 19 जुलाई को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। उन्हें तबीयत खराब होने के बाद आगरा से दिल्ली रेफर किया गया था। गोपालदास नीरज के पार्थिव शरीर को सुबह दिल्ली से आगरा ले जाया गया। यहां सुबह 8 बजे सरस्वती नगर बल्केश्वर मे उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया।
 
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने उन्हें यहां श्रद्धांजलि दी। अखिलेश यादव ने कहा कि अपने गीतों के माध्यम से नीरज हमेशा अमर रहेंगे। समाजवादी पार्टी के प्रदेश की सत्ता में आने के बाद नीरज की स्मृति में इटावा स्थित उनके गांव को यादगार बनाया जाएगा। कवि कुमार विश्वास और हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा समेत तमाम गणमान्य लोग नीरज के दर्शनों के लिए पहुंचे।
 
आगरा में नीरज की अंतिम यात्रा में भी सैकड़ों लोग शामिल हुए। कवि सम्मेलन समिति द्वारा तैयार रथ में उनका पार्थिव शरीर रखा गया। इस दौरान उनके लिखे गीत 'ऐ भई जरा देखकर चलो...' गूंजते रहे। करीब 1 किलोमीटर तक अंतिम यात्रा के बाद एम्बुलेंस से नीरज की पार्थिव देह को अलीगढ़ ले जाया गया। हालांकि रथ पर अंतिम यात्रा को लेकर थोड़ा विवाद भी हुआ। नीरज के पुत्र मिलन प्रभात और नाती ने एम्बुलेंस से पार्थिव देह को अलीगढ़ ले जाने को कहा ताकि वहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हो सके। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

9 महीने में सृजित हुईं 44 लाख नौकरियां : ईपीएफओ