नई दिल्ली। भारत में कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र 1 दिन में औसतन 150 से ज्यादा बार अपना मोबाइल फोन देखते हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) द्वारा किए गए एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है।
शोध का शीर्षक 'स्मार्टफोन डिपेंडेंसी, हेडोनिज्म एंड पर्चेज बिहेवियर : इंप्लीकेशन फॉर डिजिटल इंडिया इनीशिएटिव' है। इसका अध्ययन 20 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में किया गया। इस दौरान प्रत्येक विश्वविद्यालय के 200 छात्रों से बातचीत की गई।
प्रोजेक्ट निदेशक मोहम्मद नावेद खान ने बताया कि विश्वविद्यालय के छात्रों में यह डर होता है कि उनसे कुछ जानकारियां छूट जाएंगी या वे किसी मुद्दे के बारे में अनभिज्ञ रह जाएंगे इसलिए वे 1 दिन में औसतन 150 से ज्यादा बार मोबाइल देखते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य और शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
उन्होंने बताया कि इस शोध के दौरान केवल 26 फीसदी छात्र ही ऐसे थे जिन्होंने बताया कि वे मोबाइल का इस्तेमाल मुख्य तौर पर बातचीत के लिए ही करते हैं। इसके अलावा इस शोध में शामिल छात्र अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों जैसे सोशल मीडिया, गूगल सर्च या फिर फिल्में देखने के लिए करते हैं।
इस अध्ययन में यह बात निकलकर सामने आई है कि कम से कम 14 फीसदी छात्र 1 दिन में 3 या उससे कम घंटे तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, वहीं करीब 63 फीसदी छात्र 4 से 7 घंटे तक रोजाना मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। खान ने बताया कि हम यह जानकर स्तब्ध रह गए कि करीब 23 फीसदी छात्र मोबाइल का इस्तेमाल 1 दिन में 8 घंटे से ज्यादा समय तक करते हैं।
इस अध्ययन के मुताबिक 80 फीसदी छात्रों के पास अपना मोबाइल फोन है और ज्यादातर छात्र स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि इसमें विभिन्न एप डाउनलोड करने सहित अन्य सुविधाएं होती हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने यह शोध किया था और इस शोध को आईसीएसएसआर ने धन मुहैया कराया था। इस शोध का मकसद कॉलेज जाने वाले छात्रों की मोबाइल पर निर्भरता और आदत को समझना था। (भाषा)