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Kedarnath Yatra : पंजीकरण व्यवस्था के विरोध में सोनप्रयाग बंद रहा, अनिश्चितकालीन बंद की चेतावनी

हमें फॉलो करें Kedarnath Yatra : पंजीकरण व्यवस्था के विरोध में सोनप्रयाग बंद रहा, अनिश्चितकालीन बंद की   चेतावनी

एन. पांडेय

, शुक्रवार, 3 जून 2022 (09:01 IST)
सोनप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में पंजीकरण की व्यवस्था समाप्त करने के साथ ही यात्रा व्यवस्थाओं में सुधार लाने की मांग को लेकर गुरुवार को सोनप्रयाग के व्यापारियों ने बाजार बंद रखा। व्यापारियों ने चेतावनी दी कि यदि पंजीकरण प्रक्रिया समाप्त नहीं की गई तो संपूर्ण केदार घाटी में अनिश्चितकालीन बंद कर दिया जाएगा। व्यापारियों का आरोप है कि तीर्थयात्रा के लिए आए यात्रियों को जगह-जगह मनमाने तरीके से रोककर केदार घाटी के व्यापारियों का रोजगार प्रभावित किया जा रहा है और व्यापारियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है।

 
प्रशासनिक नियम के अनुसार केदारनाथ धाम में 13 हजार तीर्थयात्री ही 1 दिन में दर्शन कर सकते हैं। धाम की यात्रा पर आने के लिए यात्रियों को अनिवार्य रूप से अपना पंजीकरण कराना होता है। जो यात्री बिना पंजीकरण के आ जा रहे हैं, उनको पुलिस आधे रास्ते से वापस भेज रही है। व्यापारियों का कहना है कि यात्रियों के वापस जाने का असर केदार घाटी के रोजगार पर पड़ रहा है।
 
सोनप्रयाग, जो कि केदार यात्रा का बेसकैम्प है, स्थित पार्किंग में बिना टेंडर के 2,000 बेड लगाकर उसमें यात्रियों को ठहराए जाने का भी व्यापारियों ने विरोध किया है। व्यापारियों का कहना है कि जिस व्यक्ति ने यह 2,000 बेड लगाए हैं, उसे किसी ने भी परमिशन नहीं दी है। यहां एक चाय की दुकान तक नहीं खुली है।
 
व्यापारियों का आरोप है कि जिला पंचायत रुद्रप्रयाग की सोनप्रयाग पार्किंग में अवैध रूप से बिस्तर बिछाकर यात्रियों को ठहराया जा रहा है जिस कारण स्थानीय व्यक्तियों का रोजगार प्रभावित हो गया है। ये बिस्तर बिना अनुमति के ही बिछाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा चलने से उम्मीद थी कि केदार घाटी के लोगों का रोजगार भी चलेगा, लेकिन यात्रियों को जगह-जगह रोककर परेशान किया जा रहा है और यहां के लोगों का रोजगार भी प्रभावित किया जा रहा है। स्थानीय व्यापार संघ अध्यक्ष अंकित गैरोला ने कहा कि प्रशासन के इस मामले में उपेक्षित रवैये के मद्देनजर ही व्यापारी पीक सीजन में हड़ताल और बंदी को मजबूर हो रहे हैं।
 
4 गुना से ज्यादा संख्या में यात्री उत्तराखंड आ रहे हैं: चारों धामों में यात्रा शुरू होने से अब तक हुई 112 से अधिक मौतों से यात्रा व्यवस्थाओं को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा में यात्रियों की मौत की खबरों के बाबत पूछे जाने पर देहरादून यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में कहा कि यात्रा का दुष्प्रचार न करें। इससे देश और प्रदेश की छवि खराब होती है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि सरकार चारधाम यात्रियों की हरसंभव मदद और सुविधा का ध्यान रख रही है। लेकिन यात्रा पर 4 गुना से ज्यादा संख्या में यात्री उत्तराखंड आ रहे हैं जिससे यात्रा को सुचारु रूप से संचालित करना चुनौती बना है।
 
सीएम धामी ने कहा है कि इस साल चारधाम यात्रा पर सरकार की सोच से परे यात्री पहुंचे हैं। चारों धामों में यात्रियों के लिए पैर रखने तक की जगह नहीं है। सीएम धामी के अनुसार 5 नवंबर 2021 को उत्तराखंड दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ये दशक उत्तराखंड का होगा। सीएम के अनुसार केदारनाथ धाम की भूमि से पीएम मोदी के इस बयान ने लोगों को उत्तराखंड आने के लिए प्रेरित किया। सीएम ने कहा कि पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार तीर्थयात्रियों संख्या 4 गुना ज्यादा है।
 
ऋषिकेश में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण : ऋषिकेश में चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण करते हुए देहरादून के जिलाधिकारी आर. राजेश कुमार ने गुरुवार को कहा कि ऋषिकेश में यात्री पंजीकरण की संख्या बढाकर 5 हजार प्रतिदिन की गई है, इसे और बढ़ाया जाएगा।
 
जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों के साथ धर्मशाला आदि स्थानों पर ठहराए गए यात्रियों हेतु बनाई गई व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने यात्रियों से रूबरू होते हो हुए उक्त स्थलों में पेयजल, साफ-सफाई एवं शौचालय आदि निरीक्षण किया, साथ ही संबंधित अधिकारियों को स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश दिए। साथ ही यात्री विश्राम स्थलों पर भी भोजन की व्यवस्था बनाए जाने हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया।
 
केदारनाथ पैदल मार्ग में बेजुबान जानवरों को प्रताड़ित करने पर 6 पर मुकदमा : केदारनाथ पैदल मार्ग में बेजुबान जानवरों को प्रताड़ित करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को पशुपालन विभाग के डॉक्टरों ने ऐसे ही 6 लोगों के खिलाफ गौरीकुंड पुलिस चौकी में मुकदमा दर्ज कराया है। इन पर आरोप है कि ये बीमार पशुओं पर यात्रियों को ढो रहे हैं, जबकि भार से अधिक वजन वाले तीर्थयात्रियों को भी बैठा रहे हैं और रास्तेभर में पशुओं को दाना-चारा के साथ ही पानी तक नहीं पिला रहे हैं।
 
गौरीकुंड-केदारनाथ के 18 किमी पैदल मार्ग पर हर दिन 4,500 हजार घोड़े-खच्चरों का संचालन करवाया जा रहा है। इनमें कई ऐसे संचालक भी हैं, जो बीमार पशुओं पर यात्रियों को यात्रा करवा रहे हैं। इसी वजह से अब तक पशु संचालक उस्मान पुत्र नसीर निवासी नजीबाबाद, दिगपाल सिंह पुत्र गोरे सिंह निवासी चमोली, संजय प्रसाद पुत्र आनंद निवासी घाट चमोली और संजय लाल निवासी रुद्रप्रयाग के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम में मामले दर्ज किए गए हैं।

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