लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से ईवीएम के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है जिसके मद्देनजर सियासी संग्राम छिड़ गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर दी है। इस पर भाजपा ने भी उन्हें करारा जवाब दिया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर ईवीएम को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि हमने फैसला कर लिया है कि अगला चुनाव ‘बैलेट पेपर’ से ही कराए जाने की मांग हम चुनाव आयोग से करेंगे। हम इस मांग को लेकर ‘बैलेट सत्याग्रह’ तक करने को तैयार हैं। देश और लोकतंत्र के भविष्य के लिए हम सबसे अपील करते हैं कि वो EVM को हटाए जाने के लिए हमारा साथ दें।'
इस पर भाजपा प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने अखिलेश यादव पर जोरदार जवाबी हमला बोला। त्रिपाठी ने ट्वीट कर कहा, 'चुनाव में उतरने से पहले ही समाजवादी पार्टी ने मानी हार, पहले ही ढूंढ लिया ईवीएम का बहाना !!'
इसके बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी कर त्रिपाठी ने कहा है की लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले ही समाजवादी पार्टी ने ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने का पुराना घिसा-पिटा राग छेड़कर अपनी हार स्वीकार कर ली है। समाजवादी पार्टी को यह अंदाजा लग गया है कि उत्तर प्रदेश में उसका पूरी तरह से सफाया हो चुका है।
आने वाले दिनों में उसके लिए कोई उम्मीद नहीं बची है रही सही कसर पार्टी और परिवार में चल रही कलह ने पूरी कर दी है।
त्रिपाठी ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था है। यह चुनाव आयोग को तय करना है कि लोकसभा चुनाव ईवीएम से कराया जाए कि बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए। लेकिन नरेंद्र मोदी जी और योगी आदित्यनाथ जी की लोकप्रियता से घबराई समाजवादी पार्टी ने ईवीएम पर सवाल खड़े कर चुनाव से पहले ही हार स्वीकार कर ली है।