मोतिहारी। बिहार में एक तरफ भीषण गर्मी के कहर से लोगों की लगातार मौत हो रही है तो दूसरी ओर चमकी बुखार के कारण बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। बिहार में जहां चमकी बुखार से 110 बच्चों की मौत हो चुकी है, वहीं मुजफ्फरपुर के बाद अब एईस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से कई और भी जिले प्रभावित हो रहे हैं।
अब पूर्वी चम्पारण जिले में भी चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ती ही जा रही है। जिले के अब तक एईएस के 36 बच्चे नए मामले सामने आ चुके हैं। इन सभी बच्चों का इलाज मुजफ्फरपुर और पूर्वी चम्पारण के विभिन्न निजी अस्पतालों में किया जा रहा है। इन पीड़ित बच्चों में सबसे अधिक 16 बच्चे चकिया प्रखंड के गांवों के है। इनमें 5 की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार महामारी के रूप ले चुके एआईएस से बचाव के लिए मोतिहारी सदर अस्पताल में समुचित व्यवस्था की गई है। खबरों के अनुसार चमकी बुखार से पीड़ित होने वाले अधिकांश बच्चे कुपोषण के शिकार हैं जो महादलित परिवार के हैं।
रविवार को खुद स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया था। दौरा करने के बाद हर्षवर्धन ने कहा कि बीमारी की पहचान करने के लिए शोध होना चाहिए, जिसकी अभी भी पहचान नहीं है और इसके लिए मुजफ्फरपुर में शोध की सुविधा विकसित की जानी चाहिए।