श्रीनगर। कश्मीर में आतंकियों के साथ होने वाली एक और मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया। लेकिन मुठभेड़ में कोई आतंकी इसलिए नहीं मारा जा सका, क्योंकि वे मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए और उन्हें यह मौका मुहैया करवाया उनके 'मददगार' पत्थरबाजों द्वारा।
एक बार फिर पत्थरबाजों के नापाक इरादों की वजह से आतंकी भागने में कामयाब हुए। पुलवामा मुठभेड़ के दौरान भारी पत्थरबाजी कर पत्थरबाजों ने आतंकियों को भगाने में मदद की। इससे पहले भी कई बार पत्थरबाज ऐसी हरकतें कर चुके हैं। सुरक्षाबलों की कार्रवाई को बाधित करने के लिए अकसर नकाबपोश पत्थरबाजों की ओर से आतंकियों की मदद की गई है।
पुलवामा के बारपोरा गांव में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही थी, लेकिन पत्थरबाजों के कारण आतंकी सुरक्षित भागने में कामयाब हो गए। हालांकि मुठभेड़ के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए सीआरपीएफ का जवान शहीद हो गया है, जबकि क्रॉस फायरिंग में एक स्थानीय नागरिक जख्मी हो गया है, वहीं 2 मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
एसएसपी पुलवामा मोहम्मद असलम चौधरी ने बताया कि गांव में हमें आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ देर के लिए अपना अभियान स्थगित करना पड़ा। इसका फायदा उठाकर आतंकी वहां से निकल गए। मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हुआ है और 2 मकानों को भी क्षति पहुंची है।
गांव में गोलियों की गूंज से सुबह लोगों की आंख खुली लेकिन नापाक पत्थरबाजों ने मुठभेड़ को रोकने के लिए सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों ने आतंकियों की गोलियों का जवाब देते हुए हिंसक भीड़ पर भी काबू पाने का प्रयास किया। बताया जाता है कि आतंकियों ने जिन 2 मकानों में ठिकाना बना रखा था, उनमें 3.15 बजे के करीब अचानक जोरदार धमाके हुए और दोनों मकानों में आग लग गई।
दमकलकर्मियों को आग बुझाने के लिए बुलाया गया, लेकिन तब तक पथराव कर रही भीड़ बहुत बढ़ गई थी। सुरक्षाबलों ने अनावश्यक जनक्षति से बचने के लिए जैसे ही कुछ देर के लिए आतंकियों पर अपनी फायरिंग रोकी, आतंकी पथराव की आड़ में भाग निकले।
पुलवामा से मिली जानकारी के अनुसार टाकिया-वागम इलाके में 3 से 4 आतंकी बीती रात आए थे। इसका पता चलते ही आधी रात के बाद सेना की 55 आरआर, एसओजी और सीआरपीएफ के एक संयुक्त कार्यदल ने गांव की घेराबंदी कर ली। शनिवार तड़के करीब 1 बजे जवानों ने जैसे ही आतंकी ठिकाना बने मकान की तरफ आगे बढ़ने का प्रयास किया तो आतंकियों ने जवानों पर ग्रेनेड फेंकने शुरू कर दिए और उसके बाद उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी गोलीबारी की जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
इसमें सीआरपीएफ की 182वीं वाहिनी का एक जवान मनदीप सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे उसी समय श्रीनगर स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई और वे वीरगति को प्राप्त हो गए, वहीं आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर एक स्थानीय नागरिक बशीर अहमद भी जख्मी हो गया। उसके कंधे पर गोली लगी है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जाता है कि मुठभेड़ के दौरान जब वह अपने घर से बाहर भाग रहा था तो उस समय वह जख्मी हुआ है।