Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अयोध्या में मांस-मदिरा का सेवन करने वाले रामलीला करें यह बर्दाश्त नहीं

Advertiesment
हमें फॉलो करें अयोध्या में मांस-मदिरा का सेवन करने वाले रामलीला करें यह बर्दाश्त नहीं

संदीप श्रीवास्तव

, बुधवार, 15 सितम्बर 2021 (21:35 IST)
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में होने वाली फिल्मी सितारों की रामलीला को लेकर संत समाज विरोध में उतर आया है। रामलीला का मुख्य रूप से विरोध उसकी भाषा शैली व कलाकारों का रहन-सहन एवं वेशभूषा को लेकर किया जा रहा हैं। संत समाज का कहना है कि आध्यात्मिक व पौराणिक संस्कृति, परंपरा वाली धार्मिक मान्यता की रामलीला का आयोजन होना चाहिए।

करीब दो दर्जन से ज्यादा संतों ने सिद्ध पीठ बड़ा भक्तमाल में बैठक कर विरोध किया है। संत समाज ने पर्यटन विभाग को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह 17 सितंबर को गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे।

बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास ने कहा कि रामलीला हमारी उपासना में आती है। इसमें यदि किसी तरीके का हास-  परिहास होता है तो उसको स्वीकार नहीं किया जा सकता। फिल्म जगत के लोगों को शास्त्र और अध्यात्म की कितनी जानकारी है यह मैं नहीं जानता। पिछले वर्ष वर्चुअल रामलीला के नाम पर जो अभद्र प्रदर्शन हुआ है, उस प्रदर्शन को देखते हुए हम इसका विरोध करते हैं। रामलीला में काम करने वाले कलाकारों का रहन-सहन खानपान कैसा है, यह ध्यान में रखा जाता है।

परंपराओं से न हो खिलवाड़ : अवधेश दास हमलावर होते हुए बोले कि मांस-मदिरा सेवन करने वाले लोग मंच पर अभद्र प्रदर्शन करेंगे। यह संत समाज की समझ के बाहर है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि अयोध्या में ऐसी रामलीला मंडलियां हैं, जिन्होंने विदेशों तक अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। ऐसी रामलीला को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। फिल्म जगत की रामलीला करने का कोई मतलब नहीं है। इसका हम संत समाज के लोग विरोध कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। सनातन संस्‍कृति और उपासना के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ न किया जाए।

रामलीला के उपहास का विरोध : महंत जनमेजय शरण ने भी फिल्मी हस्तियों की वर्चुअल रामलीला का विरोध किया। उन्होंने कहा कि रामलीला का विरोध नहीं बल्कि रामलीला के उपहास का विरोध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट लोगों को रामलीला का पात्र नहीं बनाया जाना चाहिए।

अयोध्या संत समिति के महामंत्री पवन दास शास्त्री ने कहा कि अयोध्या की ऐतिहासिकता संपूर्ण विश्व में विदित है। यह रामजी की जन्मभूमि रही है। इस रामलीला के विरोध में हम लोग प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेंगे और पूर्व में किया भी है।

शास्त्री ने कहा कि यह लोग चाहते हैं कि जिस तरह से चाहेंगे उस तरीके से रामजी के चरित्र को परिभाषित करेंगे तो यह होने नहीं दिया जाएगा। बता दें कि फिल्मी सितारे 6 अक्टूबर से अयोध्या में जुटेंगे। ये लोग रामलीला में विभिन्न पात्रों की भूमिका अदा करेंगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

AAP ने UP में 100 सीटों पर उतारे अपने उम्मीदवार, डॉक्टर, इंजीनियर, पत्रकार सबको मिली जगह