पुणे। लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र के पुणे की एक 85 वर्षीय महिला द्वारा लाठी से लड़ने का कौशल दिखाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद चारों तरफ से उनको प्रशंसा मिल रही है और लोग उनकी मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं।
शांताबाई पवार अपने परिवार की आजीविका के लिए लॉकडाउन के दौरान शहर की सड़कों पर अपने छड़ी से लड़ने का कौशल दिखा रही हैं। उनके परिवार में वे अनाथ बच्चे भी शामिल हैं जिनका वे पालन-पोषण करती हैं।
उनके वीडियो को न केवल प्रशंसा मिली, बल्कि कई लोग राशन और वित्तीय सहायता देने के लिए आगे आए जिनमें से फिल्म अभिनेता रितेश देशमुख ने उन्हें माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर 'योद्धा आजी' (योद्धा दादी) के रूप में वर्णित किया और उनसे संपर्क किया। पवार ने कहा कि उन्होंने 8 साल की उम्र से लाठी चलाने का कौशल सीखना शुरू कर दिया था और इसे प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न स्थानों की यात्रा की, लेकिन लॉकडाउन के चलते सब कुछ रुक गया।
उन्होंने कहा कि दुकान वालों ने मुझे किराना सामान देना बंद कर दिया। चूंकि एक बड़े परिवार में सबका पेट भरना असंभव था जिसमें कई छोटे बच्चे हैं इसलिए मैंने सड़कों पर अपने कौशल को प्रदर्शित करने का फैसला किया ताकि देखने वाले लोग उन्हें पैसे दे सकें। परिवार के एक सदस्य ने कहा कि वीडियो से उन्हें काफी मदद मिली और लोगों ने उन्हें पैसे दिए। (भाषा)