कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 काल में पढ़ाई के लिए बच्चों के हाथ में मोबाइल आ गए। पढ़ते समय बच्चे विभिन्न ऐप का यूज करने लगे। कुछ किशोर और बच्चों को ऑनलाइन गेम खेलने की लत गई। मोबाइल पर खेल के नशे में चूर होकर कुछ बच्चे अपराध की तरफ मुड़ गए या घर का पैसा गंवा बैठे।
ताजा मामला कानपुर शहर से जुड़ा है, जहां एक किशोर गेम खेलते हुए अपने पिता के अकाउंट से 5 लाख की ठगी का शिकार हो गया।
कानपुर के नवाबगंज के रहने वाले चन्द्रशेखर के खाते से बीते 20 दिनों के अंदर 5 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन एक ही खाते में हुआ। पैसे ट्रांजेक्शन की पड़ताल में पता चला कि उनका पैसा ट्रांसफर करने वाला उनका बेटा ही है। पिता ने बेटे से सख्ती से पूछा तो उसने बताया की वह मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलता है। एक दिन गेम खेलते हुए उसने दो स्टेज पार कर लिए और तीसरी स्टेज से पहले मोबाइल लॉक हो गया।
लॉक खुलवाने के लिए उसने यू ट्यूब की मदद से एक नंबर निकाला। उस नंबर पर बात करने वाले शख्स ने गेम अनलॉक करने के नाम पर पहले 750 रुपए लिए। गेम अनलॉक नहीं हुआ, फिर ठगी करने वाले शख्स ने धीरे-धीरे 20 दिनों में 5 लाख रुपए छात्र से अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए थे।
चंद्रशेखर के पैरों के नीचे से जमीन उस समय खिसक गई, जब उनका बेटा गेम खेलने के नाम पर जालसाजी का शिकार हो गया। पीड़ित पिता ने पुलिस से जालसाजी की शिकायत की है। पुलिस अधिकारियों ने इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है। इसके साथ ही जिस खाते में पैसे का ट्रांजेक्शन हुआ है, पुलिस ने उसे सीज कर दिया है। पुलिस का कहना है कि जल्दी ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा।
पीड़ित छात्र को आरोपी ने डरा-धमकाकर ये पैसे हड़पे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि बच्चों के हाथों में मोबाइल कितना सेफ है। वहीं माता-पिता को भी अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए कि वह मोबाइल पर क्या कर रहे हैं।