प्रयागराज। प्रयागराज में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने फारुक अब्दुल्ला के बयान पर जवाब देते हुए कहा है कि राहुल गांधी की पदयात्रा के चलते उन्होंने आदिशंकराचार्य को याद किया है। आदिशंकराचार्य के समय में कश्मीर का माहौल बहुत अच्छा था, बिना डरे घूमा जा सकता था। यदि फारुक अब्दुल्ला चाहते हैं कि शंकराचार्य की तरह राहुल भी कश्मीर की सड़कों पर घूमें तो वहां भयमुक्त वातावरण तैयार करें।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के लखनपुर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला ने राहुल गांधी की पदयात्रा की तुलना हिन्दू वैदिक दार्शनिक आदिशंकराचार्य से की है। उन्होंने कहा है कि सदियों पहले आदिशंकराचार्य पहली बार यहां आए थे, पैदल चले थे जब सड़कें नहीं थीं, जंगल थे। ऐसे में वे कन्याकुमारी से कश्मीर तक चले थे। लेकिन शंकराचार्य की तरह पैदल चलने वाले राहुल गांधी दूसरे व्यक्ति हैं, जो कन्याकुमारी से कश्मीर पहुंचे हैं।
अब्दुल्ला के मुताबिक राहुल की 'भारत जोड़ो यात्रा' का उद्देश्य भारत को एकजुट करना है, देश में नफरत पैदा की जा रही है, धर्मों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। प्रयागराज में शंकराचार्य स्वामी अवितमुतेश्वरानंद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'भारत जोड़ो यात्रा' के चलते केरल से कश्मीर पदयात्रा कर रहे हैं राहुल गांधी। राहुल की पैदल यात्रा पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने 19 जनवरी को एक बयान देते हुए राहुल की तुलना आदिशंकराचार्य से कर दी है।
इस तुलना पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि इसी बहाने फारुक अब्दुल्ला ने आदिशंकराचार्यजी का स्मरण किया है। फारुक सही कह रहे हैं कि आदिशंकराचार्य केरल से कश्मीर गए थे, पैदल यात्रा करते हुए वे आराम से घूमे और हर जगह गए। सदियों पहले हुई यात्रा के समय वहां माहौल काफी अच्छा और सुरक्षित था।
यदि उस समय के परिप्रेक्ष्य में फारुक अब्दुल्ला, राहुल की 'भारत जोड़ो यात्रा' को देख रहे हैं तो अच्छा है। लेकिन फारुकजी को राहुल गांधी के निर्बाध और निडर होकर घूमने के लिए वातावरण देना होगा ताकि राहुल गांधी बिना किसी रुकावट के शारदा मंदिर, कश्मीर में पदयात्रा कर सकें।
Edited by: Ravindra Gupta