चेन्नई। तमिलनाडु भाजपा ने आज द्रमुक और कांग्रेस पर कावेरी मुद्दे के राजनीतिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन के मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगा। तमिलनाडु भाजपा की अध्यक्ष तमिलीसाई सुंदरराजन ने आरोप लगाया कि द्रमुक और कांग्रेस क्रमश: जब राज्य और केंद्र में सत्ता में थे तब उन्होंने कावेरी मुद्दे पर ‘कुछ नहीं किया।’
उन्होंने हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि दोनों दल अब आरोप लगा रहे हैं कि भाजपा ने तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा क्षेत्र के किसानों के हितों की रक्षा नहीं की। तमिलीसाई ने कहा कि द्रमुक ने तमिलनाडु में अपने शासनकाल में ‘जल संसाधनों के दोहन एवं बारिश के पानी के संचयन पर ध्यान’ नहीं दिया।
द्रमुक एवं कांग्रेस सहित तमिलनाडु की पार्टियों ने भाजपा पर ‘तमिलनाडु और किसानों के हितों के साथ धोखाधड़ी’’ करने का आरोप लगाया है। आरोपों को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा पर इस तरह के आरोप लगाना बहुत ही गलत है।
हाल में केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है और उसने तत्काल बोर्ड का गठन करने के खिलाफ रूख अपनाया जिसके बाद वह सत्तारूढ़ एवं विपक्ष सहित तमिलनाडु की सभी पार्टियों के निशाने पर आ गयी। भाजपा ने कहा कि केंद्र कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन के मुद्दे पर पीछे नहीं हट रहा। तमिलीसाई ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति द्वारा तमिलनाडु और कर्नाटक के कावेरी बेसिन क्षेत्रों में जमीनी हालात पर अपनी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को सौंपने के बाद केंद्र नियमों का पालन करते हुए मुद्दे पर फैसला करेगा।
उन्होंने भरोसा जताया कि केंद्र ‘कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन करेगा।’प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कावेरी मुद्दे पर कानूनी प्रयासों का सहारा लेने और उच्चतम न्यायालय का रूख करने के लिए मुख्यमंत्री जे जयललिता की सराहना की। उन्होंने कहा कि अगर द्रमुक मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास अपने नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर जाएगा तो उनकी पार्टी उसमें शामिल नहीं होगी। तमिलीसाई ने कहा कि हालांकि भाजपा तमिलनाडु सरकार के इस तरह के पहलों का हिस्सा होगी। (वार्ता)