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तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी के लिए मिल रहा था पैसा

हमें फॉलो करें तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

हैदराबाद , सोमवार, 25 नवंबर 2024 (20:59 IST)
Telangana wont accept Rs 100-crore Adani funding  : तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने सोमवार को कहा  कि राज्य सरकार यहां स्थापित की जा रही ‘यंग इंडिया स्किल यूनिवर्सिटी’ के लिए अडाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अडाणी द्वारा दिए जाने वाले 100 करोड़ रुपये के दान को स्वीकार नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब अडाणी समूह के अध्यक्ष पर अमेरिकी अदालत में अभियोग लगाया गया है।
 
राज्य सरकार के विशेष मुख्य सचिव (उद्योग) जयेश रंजन ने अडाणी फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रीति अडाणी को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें ‘मुख्यमंत्री द्वारा वर्तमान परिस्थितियों और उत्पन्न विवादों के मद्देनजर धन हस्तांतरण प्राप्त न करने का निर्देश दिया गया है।’’
 
अधिकारी ने कौशल विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ रुपये का दान देने संबंधी घोषणा के लिए प्रीति अडाणी का धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अब तक किसी भी दानदाता से धन का भौतिक हस्तांतरण करने के लिए नहीं कहा है क्योंकि विश्वविद्यालय को धारा 80 जी के तहत आयकर छूट नहीं मिली है। विश्वविद्यालय को हालांकि हाल ही में आयकर छूट का आदेश मिल गया है।
 
रेड्डी ने हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि कांग्रेस सरकार अडाणी समूह पर लगे आरोपों के बीच खुद को किसी भी अनचाहे विवाद में शामिल नहीं होने देना चाहती है।
 
उन्होंने कहा कि अभी तक तेलंगाना सरकार ने अडाणी समूह सहित किसी भी संगठन से अपने खाते में एक भी रुपया स्वीकार नहीं किया है। रेड्डी ने कहा कि मैं और मेरे मंत्रिमंडल के सहयोगी ऐसी अनावश्यक चर्चाओं और स्थितियों में शामिल नहीं होना चाहते हैं, जिससे राज्य सरकार या मेरी छवि को नुकसान पहुंचे। 
 
गौतम अडाणी ने 18 अक्टूबर को यहां मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और कौशल विश्वविद्यालय को दान के लिए प्रतीकात्मक रूप से 100 करोड़ रुपये का चेक सौंपा था।
 
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की इस टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कि राज्य सरकार को तेलंगाना में अडाणी समूह के निवेश प्रस्तावों को रद्द कर देना चाहिए, इसके जवाब में रेड्डी ने कहा कि सरकार को किसी भी समझौते को रद्द करने के लिए कानूनी सलाह लेनी होगी क्योंकि दूसरा पक्ष समझौतों को एकतरफा तरीके से समाप्त करने पर अदालत का रुख कर सकता है।
 
रेड्डी ने बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा है कि पिछली बीआरएस सरकार ने अडाणी समूह को राज्य में आने की अनुमति नहीं दी थी। इसके जवाब में रेड्डी ने पत्रकारों को गौतम अडाणी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और रामा राव की तस्वीरें दिखाईं।
 
उन्होंने अडाणी समूह के निवेश प्रस्तावों की सूची भी पढ़ी, जिन्हें कथित तौर पर बीआरएस सरकार ने स्वीकार भी किया था।
 
रेड्डी ने पूछा, ‘‘क्या वह (रामा राव) इस पर जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं?’’ यह पूछे जाने पर कि तेलंगाना सरकार ने अडाणी समूह के साथ निवेश प्रस्तावों पर चर्चा की जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कई वर्षों से अडाणी पर सवाल उठाते रहे हैं, तो इस पर रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस किसी भी निवेश प्रस्ताव या कॉरपोरेट घराने के खिलाफ नहीं है बल्कि सांठगांठ वाले पूंजीवाद और नियमों के उल्लंघन के खिलाफ है। इनपुट भाषा

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