जम्मू। माना कि सीमाओं पर सीजफायर है लेकिन वे सब हरकतें पाक सेना की ओर से बंद नहीं की गई हैं जिनके कारण राज्य में खून-खराबा हो रहा है। सेना कहती है कि अब पाक सेना एलओसी से एक-दो के दलों में आतंकियों को इस ओर धकेल रही है तो सेना के ही मुताबिक एलओसी के उस पार पाक सीमा चौकियों पर बड़े पैमाने पर आतंकियों को एकत्र करने का सिलसिला कभी रुका नहीं है। सेना कहती है कि इसके स्पष्ट मायने यही हैं कि पाक सेना सीजफायर के समाप्त होते ही आतंकियों को बड़ी संख्या में इस ओर धकेलने का प्रयास करेगी।
स्पष्ट शब्दों में कहें तो पिछले 15 सालों से पाक सेना सीजफायर के मायने आतंकियों को खुल्लम-खुल्ला तौर पर अपनी सीमा चौकियों पर एकत्र करने और उन्हें ट्रेनिंग देने के तौर पर ले रही है। इसका खुलासा सेना भी कई बार कर चुकी है, जो एलओसी के पास पाक सीमा चौकियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
रक्षाधिकारियों के बकौल, 'सीजफायर के पहले ही दिन से एलओसी से सटी पाक सेना की अग्रिम सीमा चौकियों पर सादे कपड़ों में आने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है। ये सैनिक नहीं हैं बल्कि वे आतंकी हैं जिन्हें इस ओर धकेलने के लिए एकत्र किया जा रहा है।'
सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय में तैनात सेनाधिकारियों की ओर से भी इसकी पुष्टि की जा चुकी है कि एलओसी के पार आतंकियों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। फिलहाल वे इनकी सही संख्या बता पाने में तो सक्षम नहीं हैं लेकिन अंदाजन यह संख्या 10 हजार के लगभग बताई जा रही है। ये सभी 814 किमी लंबी एलओसी के उस पार पाक सीमा चौकियों पर तैनात हैं।
इन्हीं अधिकारियों के बकौल, सिर्फ आतंकियों को सीमा चौकियों पर तैनात ही नहीं किया गया है बल्कि उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है। और भारतीय सैनिकों की मजबूरी यह है कि जिस सीजफायर का लाभ उठाते हुए पाकी सेना ऐसा कर रही है, वही सीजफायर भारतीय जवानों के लिए बाधा बन गया है।