देहरादून। श्री हेमकुंड साहिब के कपाट इस साल 10 अक्टूबर 2021 को पूर्ण विधि-विधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे, जबकि पिछले 18 सितंबर से ये कपाट खोले गए थे। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि मौसम एवं यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत ट्रस्ट द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के चलते इस बार हेमकुंड साहिब की यात्रा 18 सितंबर 2021 को प्रारंभ हुई थी। इस वर्ष करीब 5 हजार श्रद्धालु श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुके हैं और अभी भी रजिस्ट्रेशन हो रहा है। उन्होंने श्री हेमकुंड साहिब पावन धाम के दर्शनों की इच्छा रखने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की योजना 10 अक्टूबर तक ही रखें व दर्शन करके गुरु घर की खुशियां प्राप्त करें।
दूसरी तरफ बद्रीनाथ और केदारनाथ धामों समेत गंगोत्री, यमुनोत्री में भी यात्रियों की सीमित संख्या निर्धारित किए जाने से दोपहर बाद ये धाम खाली होते जा रहे हैं। इस कारण इन धामों के खुलने से जिन कारोबारियों का कारोबार जुड़ा है उनमें घोर निराशा छा गई है।
केदार घाटी के कारोबारी तो आंदोलन करने तक की चेतावनी सरकार को दे रहे हैं। केदारनाथ में आज तीर्थ पुरोहितों ने भी मन्दिर के प्रांगण में एकत्रित होकर ई-पास व्यवस्था को चारों धामों के लिए समाप्त कर यात्रियों की सीमित संख्या को ख़त्म करने और उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
यात्रियों ने दिया धरना : बिना ई-पास केदारनाथ जाने की मांग को लेकर यात्रियों ने केदारनाथ हाईवे पर धरना दिया। पुलिस प्रशासन ने यात्रियों को औंकारेश्वर, तुंगनाथ, मध्यमहेश्वर आदि अन्य मंदिरों के दर्शन करने की राय दी, लेकिन सभी यात्री नहीं माने और सड़क पर बैठ गए।
गुरुवार को सैकड़ों यात्री बिना ई-पास के कुंड पहुंच गए। पुलिस ने बैरियर पर उन्हें रोक दिया। राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि राज्यों से सैकड़ों की संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन बिना पास के रोके जाने पर मायूस हो रहे हैं। 27 सितंबर को भी ई-पास के विरोध में केदार घाटी के सभी बाजार बंद हुए।
रुद्रप्रयाग के डीएम मनुज गोयल ने बताया कि 15 अक्टूबर तक ई-पास से केदारनाथ आने वाले यात्रियों की बुकिंग फुल हो चुकी है और अब तक हजारों तीर्थयात्रियों को ई-पास न होने पर वापस भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा है कि जो श्रद्धालु केदारधाम धाम आने की योजना बना रहे हैं, वे फिलहाल अपना प्लान रोक दें। केदारनाथ में एक दिन में 800 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की व्यवस्था है।