Bhojpuri film 'Aapan kahaye wala ke ba' : भोजपुरी फिल्म 'आपन कहाये वाला के बा' में कहानी और गीत-संगीत इतने शानदार हैं कि दर्शक न सिर्फ देखते-सुनते हैं, बल्कि खुद से जुड़ाव भी महसूस करते हैं। दरअसल यह घर-घर की कहानी और कमोबेस हर आदमी का देखा-भोगा यथार्थ है। भोजपुरी फिल्मों की स्थापित अवधारणा को चुनौती देती इस फ़िल्म में गीत-संगीत जान है। सभी गीत मनोज भावुक ने लिखे हैं। प्रियंका सिंह की खनकदार आवाज़ में ''भउजी जब खिसियाली बड़ी काड़ा लागेली/ बाकिर हंस के छोहाली त छोहाड़ा लागेली'' रिश्ते-नातों के मर्म को उकेरता गीत है।
 
									
			
			 
 			
 
 			
					
			        							
								
																	''धान कुटाये लागल, हरदी कुंचाये लागल/ लगनौती बबुनी के मन कसमसाये लागल ''बहुत ही कर्णप्रिय व सुंदर गीत है और उम्मीद है कि पूर्वांचल की शादियों में खूब गाया जाएगा। टाइटल सांग 'आपन कहाये वाला के बा' रोंगटे खड़े कर देता है, सिहरन पैदा करता है। रूला देता है। रिश्तों में दरार पैदा करने वालों को अपराधबोध से भर देता है। प्राण तत्व है यह गीत इस फ़िल्म का।
 
									
										
								
																	एक लेडिज संगीत का भी गीत है। भौजाइयां ननद को छेड़ रही हैं और उस छेड़छाड़ में छोटा परिवार-सुखी परिवार का एक संदेश भी दे देती हैं। खूब हंसी-मजाक है। गीतकार मनोज भावुक और संगीतकार रजनीश मिश्रा की जोड़ी ने भोजपुरी सिनेमा के सुनहरे दौर की याद दिला दी है। मनोज भावुक शैलेन्द्र, मजरुह और अंजान के समय के भोजपुरी गीतों की याद दिलाते हैं।
 
									
											
									
			        							
								
																	मनोज भावुक और रजनीश मिश्रा को इस दौर की शानदार फ़िल्म के लिए हमेशा याद किया जाएगा। मनोज व रजनीश की जोड़ी ने 'मेहंदी लगा के रखना' फ़िल्म में भी एक कमाल का गीत दिया- 'तोर बउरहवा रे माई'... वह गीत भोजपुरी सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर है।
 
									
											
								
								
								
								
								
								
										
			        							
								
																	यह फ़िल्म एक फैमिली ड्रामा है, टूटते-बिखरते रिश्तों को बचाने की रोचक-रोमांचक कहानी है। अवधेश मिश्रा, अंजना सिंह, देव सिंह, माया यादव, प्रीति मौर्या, संयुक्ता राय, रिंकू भारती, राघव पाण्डेय, अमरीश सिंह, राम सूजन सिंह आदि के सशक्त अभिनय ने कहानी को जीवंत कर दिया है।
 
									
			                     
							
							
			        							
								
																	सिनेमैटोग्राफी सुनील अहीरे, कोरियोग्राफी विवेक थापा, एक्शन दिनेश यादव, कला नौशाद अंसारी और कॉस्ट्यूम विद्या-विष्णु का है। फ़िल्म के निर्माता रजनीश मिश्रा व विनय सिंह हैं। कुल मिलाकर यह एक ऐसा फैमिली ड्रामा है, जिसमें एंटरटेनमेंट का फूल डोज है।