Maharashtra News : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ है जिसमें वह उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर परोक्ष तौर पर गैर गंभीर टिप्पणी करते सुने गए हैं। राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, आखिरकार जो उनके दिल में है वह उनके होंठों पर आ गया।
मराठा समुदाय को आरक्षण की मांग पर सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन शुरू होने से पहले के इस वीडियो में शिंदे अन्य दो नेताओं से यह सवाल करते हुए दिखाई देते हैं, हमें बस बोलना है और निकल लेना है, है ना? वहीं अजित पवार इस पर जवाब देते हैं, हां, बिल्कुल। फडणवीस शिंदे के कान में फुसफुसाते हुए और इस ओर इशारा करते हुए दिखाई देते हैं कि माइक्रोफोन चालू है। पवार भी यही संकेत देते नजर आते हैं।
इस टिप्पणी की आलोचना की गई है। कुछ विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि इस टिप्पणी में मराठा आरक्षण मुद्दे को सुलझाने के प्रति गंभीरता या प्रतिबद्धता की कमी झलकती है। उस्मानाबाद से शिवसेना (यूबीटी) के लोकसभा सदस्य ओमराजे निंबालकर ने तीनों नेताओं की मराठा आरक्षण मुद्दे पर परोक्ष अरुचि को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त जब लोग इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और भूख हड़ताल कर रहे हैं, सरकार की प्रतिक्रिया अपर्याप्त प्रतीत होती है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, यदि बेशर्मी को कोई नाम दिया जाए, तो यह अवैध सरकार उस बेशर्मी का नाम है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने में विफल रहने के लिए शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, सरकार सिर्फ बोलना चाहती है, आम आदमी के सामने आने वाले मुद्दों पर ध्यान नहीं देना चाहती। यह एक अक्षम सरकार है जो महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान करने से भागना चाहती है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा, आखिरकार, जो उनके दिल में है वह उनके होंठों पर आ गया है। इससे पता चलता है कि सरकार लोगों के मुद्दों के प्रति असंवेदनशील है। शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर असंवेदनशील होने के लिए मुख्यमंत्री शिंदे की आलोचना की। उन्होंने सवाल किया, यह एक गद्दार की पहचान है। यदि ऐसे लोग उन लोगों को धोखा देते हैं जिन्होंने उन्हें बड़ा बनाया, तो उन पर कैसे भरोसा किया जा सकता है।
शिंदे ने आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बातचीत की गलत व्याख्या की गई है और इसे सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि आरक्षण मुद्दे को कानूनी ढांचे के तहत हल किया जाए। सभी के विचार जानने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। उन्होंने वायरल वीडियो को शरारत करार दिया।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)