तिरुवंनतपुरम। अतिक्रमण के आरोपों का सामना कर रहे केरल के परिवहन मंत्री थॉमस चांडी ने बुधवार को पिनरायी विजयन के नेतृत्व वाली माकपा नीत एलडीएफ सरकार से इस्तीफा दे दिया।
केरल उच्च न्यायालय द्वारा अलप्पुझा के जिला क्लेक्टर की एक रिपोर्ट को चुनौती देने वाली चांडी की याचिका खारिज होने के एक दिन बाद इस्तीफा सामने आया है। रिपोर्ट में चांडी के स्वामित्व वाली कंपनी पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया गया है। मई 2016 में एलडीएफ सरकार के सत्ता में आने के बाद विजयन के कैबिनेट से तीसरे मंत्री ने इस्तीफा दिया है।
इससे पहले, एक महिला के साथ वाली एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद राकापां के एके सशीन्द्रन और भाई-भतीजावाद के आरोपों को लेकर ईपी जयराजन (माकपा) ने इस्तीफा दिया था।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से तीन बार विधायक रहे चांडी को एके सशीन्द्रन के इस्तीफे के बाद आठ महीने पहले कैबिनेट में शामिल किया गया था। राज्य में राकापां के केवल दो विधायक हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ सलाह-मशविरा के बाद राकापां के राज्य अध्यक्ष टीपी पीतांबरन ने मुख्यमंत्री को मंत्री का इस्तीफा सौंप दिया।
कैबिनेट बैठक में भाग लेने के बाद अलप्पुझा के लिए रवाना होने वाले चांडी ने एक मलयालम टीवी चैनल को बताया कि हालांकि मुख्यमंत्री ने अभी तक इस्तीफे की मांग नहीं की है और इस तरह की कोई परिस्थिति नहीं बनी है। लेकिन गठबंधन के एक सहयोगी (माकपा) के कड़े रूख के कारण मुख्यमंत्री ने मुझे ‘पुनर्विचार’ करने के लिए कहा।
चांडी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आपसे इस्तीफा देने को नहीं कह रहे हैं लेकिन आप अपने नेतृत्व से विचार के बाद एक निर्णय लें। कैबिनेट की बैठक से पहले संवाददाताओं के साथ बातचीत में विजयन ने कहा कि निर्णय राकापां के राष्ट्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया गया।
एक व्यापारी से राजनेता बने चांडी की कंपनी पर अलप्पुझा जिले में अपने लेक पैलेस रिजार्ट तक जाने के लिए धान के एक खेत से सड़क बनाने और एक पार्किंग क्षेत्र बना कर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था जिसको लेकर मंत्री पिछले कुछ दिनों से आरोपों का सामना कर रहे हैं।
अलप्पुझा के जिला क्लेक्टर टी वी अनुपम ने राज्य सरकार को भेजे अपनी रिपोर्ट में रिसोर्ट के कारण बड़े पैमाने पर केरल भूमि संरक्षण कानून और धान के खेत एवं आर्द्र भूमि संरक्षण कानून के उल्लंघन की बात कही थी।
केरल उच्च न्यायालय ने माना कि अपनी सरकार के खिलाफ एक मंत्री द्वारा याचिका दायर करना बहुत ही अनुचित है। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि मंत्री ने सामूहिक जिम्मेदारी का उल्लंघन किया है।
अतिक्रमण के आरोपों को लेकर पिछले एक महीने से विपक्षी कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ और भाजपा चांडी के इस्तीफे की मांग कर रहा था। (भाषा)