मुंबई। दिग्गज थिएटर, फिल्म एवं टीवी अभिनेता टॉम ऑल्टर का शुक्रवार रात उनके आवास पर निधन हो गया। वह 67 के थे। वह त्वचा कैंसर से पीड़ित थे।
परिजनों की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, 'बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि अभिनेता, लेखक, निर्देशक, पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित पति और पिता टाम ऑल्टर का शुक्रवार रात परिवार और करीबी परिजनों के उपस्थिति में निधन हो गया। इस समय हम उनकी गोपनीयता का सम्मान करने की मांग करते हैं।
ऑल्टर अमेरिकी मिशनरी माता-पिता के पुत्र थे। उनका जन्म 1950 में मसूरी में हुआ था। उन्होंने मसूरी के वुडस्टॉक स्कूल में और बाद में पुणे की फिल्म और टेलीविजन संस्थान में पढ़ाई की। अभिनेता ने 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया, जिसमें सत्यजीत रे की ‘शतरंज के खिलाड़ी’ और ‘जूनून’ शामिल हैं।
उनकी पहली हिंदी फिल्म रामानंद सागर की ‘चरस’ 1976 में रिलीज हुई थी। उनकी कुछ बेहद पसंद की गई फिल्मों में ‘आशिकी’, ‘परिंदा’ ‘सरदार पटेल’ और ‘गांधी’ शामिल हैं।
टेलीविजन की दुनिया में ऑल्टर ने ‘भारत एक खोज’ से ले कर ‘शक्तिमान’ तक में काम किया। उन्होंने बंगाली, असमिया और तेलुगू सिनेमा में भी काम किया। वह एक क्रिकेट प्रेमी भी थे। उन्होंने कई खेल पत्रिकाओं के लिए लेख भी लिखे थे।
उनकी आखिरी फिल्म ‘सरगोशियां’ थी, जिसमें उन्होंने आलोकनाथ और फरीदा जलाल के साथ काम किया था। यह फिल्म इस साल मई में रिलीज हुई थी। ऑल्टर ने थिएटर में भी उल्लेखनीय काम किया। उनका नाटक ‘दिल्ली में गालिब’ का मंचन पूरे देश में किया गया। इस नाटक में उन्होने मिर्जा गालिब का किरदार अदा किया था।
ऑल्टर एक खेल पत्रकार भी थे। वह टीवी के लिए सचिन तेंदुलकर का साक्षात्कार करने वाले पहले व्यक्ति थे।
कला और सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2008 में ऑल्टर को पद्म श्री से सम्मानित किया गया। आल्टर के परिवार में पत्नी कैरोल, बेटे जेमी और बेटी अफसान हैं। (भाषा)