लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने एक ऐसा बयान दिया है जो विवाद का कारण हो सकता है। इतना ही नहीं उनके बयान से हिन्दू समुदाय भी नाराज हो सकता है।
शर्मा ने प्राचीन भारत की तकनीक पर चर्चा करते हुए कि जनकनंदिनी सीता टेस्ट ट्यूब बेबी हो सकती हैं। उनका इस उदाहरण से आशय था कि प्राचीन काल में भारतवर्ष तकनीकी रूप से काफी समृद्ध था। हालांकि उनके इस बयान से विवाद पैदा हो सकता है।
यह भी कहा दिनेश शर्मा ने : यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारिता की शुरुआत तो महाभारत काल से ही हो गई थी। संजय द्वारा धृतराष्ट्र को महाभारत युद्ध की जानकारी देने के प्रसंग को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि यह लाइव प्रसारण नहीं तो और क्या था? उन्होंने देवर्षि नारद की तुलना गूगल से की।
गौरतलब है कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने भी पिछले दिनों संजय और धृतराष्ट्र का उल्लेख करते हुए कहा था कि महाभारत काल में भी इंटरनेट था। इसी के चलते संजय धृतराष्ट्र को महाभारत के युद्ध की जानकारी दे पाए थे।
क्या है सीता जन्म की कहानी : वाल्मीकि रामायण के अनुसार एक बार मिथिला में पड़े भयंकर सूखे से वहां के राजा राजा जनक काफी परेशान थे। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए उन्हें एक ऋषि ने यज्ञ करने और धरती पर अपनी पत्नी के साथ हल चलाने का सुझाव दिया।
ऋषि के सुझाव पर राजा जनक ने यज्ञ करवाया और उसके बाद राजा धरती पर हल चलाने लगे। हल चलाते समय उन्हें एक मटका मिला, जिसमें उन्हें एक सुंदर कन्या मिली। चूंकि राजा जनक के कोई संतान नहीं थी इसलिए उन्होंने इसे अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया। जनक पुत्री होने के नाते सीता को जानकी भी कहा जाता है।