लखनऊ। उत्तरप्रदेश के गोरखपुर और फूलपुर में 11 मार्च को होने वाले लोकसभा उपचुनाव भाजपा के लिए बड़ी परीक्षा साबित होंगे।
उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के लिए 11 मार्च को उपचुनाव कराए जाएंगे। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को यह घोषणा की। योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री और केशव प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री बनने के बाद ये दोनो सीटें रिक्त हुई थी।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में चुने जाने के बाद आदित्यनाथ और मौर्य ने पिछले साल सितंबर में लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और मौर्य दो उपमुख्यमंत्रियों में से एक है। दिनेश शर्मा दूसरे उपमुख्यमंत्री हैं।
इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि पिछले साल राज्यसभा से इस्तीफा देने वाली बसपा प्रमुख मायावती फूलपुर उपचुनाव में मैदान में आ सकती हैं, लेकिन पार्टी की तरफ से अभी तक इस बारे में अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव आदित्यनाथ के लिए परीक्षा साबित होगी क्योंकि इन्हें उनकी सरकार की लोकप्रियता से जोड़कर देखा जा रहा है।
आयोग ने एक बयान में कहा कि राजद सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद खाली हुई बिहार की अररिया लोकसभा सीट के लिए भी उपचुनाव 11 मार्च को ही होगा।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाजपा के साथ हाथ मिलाने के बाद राज्य में यह पहला उपचुनाव होगा जिससे इसकी महत्ता बढ़ गई है। इस उपचुनाव को राजद प्रमुख लालू प्रसाद के लिए प्रतिष्ठा के प्रश्न के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि चारा घोटाला मामलों में सजा सुनाए जाने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। राजद ने मोदी लहर के बावजूद 2014 लोकसभा चुनावों में यह सीट जीती थी।
तीनों उपचुनावों की अधिसूचना 13 फरवरी को जारी की जाएगी जिससे नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू होगी। चुनाव लड़ने के लिए पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी होगी। पत्रों की छंटनी 21 फरवरी को की जाएगी और 23 फरवरी तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकते हैं। आयोग ने कहा कि मतदान 11 मार्च और मतगणना 14 मार्च को होगी।