मेरठ। एसटीएफ मेरठ के साथ मुठभेड़ में गुरुवार को कुख्यात मुकीम काला भाई वसीम ढेर हो गया। वसीम के खिलाफ लूट, हत्या और डकैती के दर्जनों मुकदमे दर्ज थे और उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था। हालांकि मुठभेड़ के दौरान वसीम का साथी एक लाख का इनामी साबिर भागने में सफल रहा।
गुरुवार को जानकारी मिली कि वसीम एक बाइक पर सवार होकर करनावल के जंगल से गुजरेगा पुलिस ने जब उसका पीछा किया तो उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी और पुलिस का दावा है कि जवाबी फायरिंग में वसीम मारा गया। वसीम के कब्ज़े से पुलिस को हथियार और कारतूस भी मिले हैं।
मेरठ में पिछले 24 घंटे में ये दूसरा एनकाउंटर है, इससे पहले बुधवार देर रात मेरठ शहर पल्लवपुरम इलाके में कार लूटकर भाग रहे बदमाशों की पुलिस से मुठभेड़ हो गई थी। फायरिंग में एक बदमाश गोलियों से छलनी हो गया, जबकि उसके साथी भाग निकले। उसकी पहचान सहारनपुर से फरार चल रहे 25 हजार के इनामी अपराधी मंसूर के रूप में हुई। मंसूर के खिलाफ 25 से अधिक मुकदमे दर्ज चल रहे थे। उसका कई जिलों में आतंक था। उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए लगातार एनकाउंटर हो रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक इसी महीने 11 सितंबर को कैराना के अलीपुर एवं जहानपुरा में पुलिस मुठभेड़ में वसीम काला बचकर भाग निकला था जबकि उसका पांच हजार का इनामी साथी अनुज पकड़ा गया था। एसटीएफ के मुताबिक मुकीम काला 2015 में ही गिरफ्तार हो चुका है इसके बाद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुकीम काला गैंग का जबरदस्त खौफ है।
कैराना में पलायन के पीछे भी उसी का नाम आया था। उस पर हत्या, लूट और डकैती के 30 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वो 3 पुलिसकर्मियों की हत्या भी कर चुका है। उसके गैंग से 16 से ज्यादा शातिर गैंगस्टर हैं और 2015 में उसके जेल जाने के बाद गैंग की कमान उसका भाई वसीम काला संभाल रहा था। कहा जाता कि वो जेल से फरमान जारी करता है।
अधिकारियों के मुताबिक, एसटीएफ को सूचना मिली थी पुलिस अभिरक्षा से फरार चल रहा जंघेड़ी गांव का खतरनाक अपराधी वसीम काला, साबिर और उसके साथी शामली जिले में कैराना क्षेत्र के गांव जहानपुर के करनावल इलाके में रुके हैं और दोपहर में बाइक से शामली जाने वाले हैं। सूचना मिलते ही एसटीएफ करनावल-रामपुर संपर्क मार्ग पर तलाशी में जुट गई। दोपहर में बाइक सवार दो संदिग्धों उधर से गुजरे। एसटीएफ ने घेरने की कोशिश की तो बदमाश फायरिंग करते हुए खेतों में भागने लगे। जवाबी कार्रवाई में वसीम के सिर और छाती में गोली लगी और वह वहीं गिर गया। शाबिर खेतों में गायब हो गया। वसीम को मेरठ मेडिकल कॉलेज में डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मारे गए वसीम के खिलाफ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लूट, हत्या और डकैती के दर्जनों मुकदमे दर्ज थे। वह उत्तर प्रदेश पुलिस की हिट लिस्ट में था और उस पर 50 हजार का इनाम था। 20 अक्टूबर 2015 को मेरठ-नोएडा एसटीएफ के ज्वाइंट ऑपरेशन में मुकीम काला और साबिर गिरफ्तार हुआ था। 6 मई मई 2017 को साबिर हरियाणा से पेशी के दौरान हिरासत से फरार हो गया था। भाई मुकीम लाला के जेल जाने के बाद से वसीम गैंग की कमान संभाल रहा था। मारे गए वसीम के पास से 32 बोर की पिस्टल, दो मैगजीन और बाइक बरामद की गई हैं। (एजेंसी)