Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

एक बार फिर भाजपा के 'सबका साथ और सबका विकास' के नारे ने लगाई नैया पार...

हमें फॉलो करें एक बार फिर भाजपा के 'सबका साथ और सबका विकास' के नारे ने लगाई नैया पार...

अवनीश कुमार

, बुधवार, 11 नवंबर 2020 (08:33 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नौगावां सादात (अमरोहा), बुलंदशहर सदर, टूंडला (फिरोजाबाद), बांगरमऊ (उन्नाव), घाटमपुर (कानपुर), देवरिया सदर, मल्हनी (जौनपुर) की 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में एक बार फिर भाजपा के 'सबका साथ और सबका विकास' के नारे ने नैया पार लगवा दी।

जिसके चलते भाजपा को सबका साथ भी मिला और नतीजा यह रहा कि उत्तर प्रदेश के 7 विधानसभा सीटों में से 6 सीटों पर भाजपा का कब्जा बरकरार रहा, जबकि उत्तर प्रदेश की 7 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की घोषणा के बाद से ही विकास या समस्याओं को पीछे छोड़ मतदाताओं को पूरी तरीके से जाति और धर्म के कार्ड में उलझाने की पूरी कोशिश की जा रही थी।

लेकिन भाजपा लगातार प्रदेश सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों और केन्द्र की भाजपा सरकार की नीतियों व उपलब्धियों को लेकर मतदाताओं को लुभाने में जुटी हुई थी, तो वहीं विपक्षी दल लगातार कभी कानून व्यवस्था‚ कभी बेरोजगारी तो कभी किसान समस्या को लेकर भाजपा को घेरने और मतदाताओं को अपने पाले में खड़ा करने का प्रयास कर रही थी, लेकिन मतदान के ठीक कुछ दिन पहले सारे मुद्दे और समस्याएं एक किनारे हो गए और सभी दल अपने–अपने परंपरागत वोटों को सहेजने में जुट गए।

जहां समाजवादी पार्टी क्षेत्र के यादव मतदाताओं के साथ मुस्लिम वोटरों के सहारे जीत का ताना-बाना बुनने में जुट गई‚वहीं बसपा ने अपने आधार दलित मतदाताओं के साथ मुस्लिमों को अपने पाले में खड़ा कर जीत हासिल करने के प्रयास किए।इसी तरह कांग्रेस क्षेत्र में ठीक ठाक संख्या में कुर्मी मतदाताओं और मुस्लिम मतदाताओं के सहारे जीत की इबारत लिखने का प्रयास किया तो भाजपा ने इन सबसे हटते हुए हिन्दुत्व की लहर चलाने की कोशिश की।

लेकिन पूरे चुनाव में सबका साथ और सबका विकास की बात भी करते रहे जिसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा के हिन्दुत्व कार्ड ने न केवल क्षेत्र के सवर्ण मतदाताओं को अपने साथ जोड़ा बल्कि बड़ी संख्या में दलित और कुछ पिछड़े वर्ग के मतदाताओं पर भी असर डाला, जबकि सपा‚ कांग्रेस व बसपा अपने-अपने आधार जातीय वोटों के सहारे मुस्लिमों को यही संदेश देने में जुटे रहे कि भाजपा को वह हरा रहे हैं।

ऐसे में मतदान के दिन क्षेत्र का मुस्लिम वोटर खासा भ्रमित नजर आया और अलग–अलग बूथों पर मुस्लिम मतदाता अलग–अलग प्रत्याशी के साथ भाजपा को हराने के मकसद से चला गया।नतीजतन भाजपा को तो हर उस बूथ पर कम या ज्यादा वोट मिले‚जहां बहुसंख्यक वर्ग के मतदाता थे और वह करीब प्रत्‍येक मतदान केन्द्र में दमदार मौजूदगी दर्ज कराती रही।

वहीं सपा‚कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशी अपने-अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों तक ही सीमित रहे,जबकि भाजपा व अन्य पार्टियों के बीच मतों का अंतर भी यही कहानी कहता है कि हर वर्ग और जाति के मिले वोट ही भाजपा की जीत की कहानी लिख हैं और एक बार फिर भाजपा का नारा 'सबका साथ और सबका विकास' सफल साबित होता हुआ नजर आया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

'चिराग' से सिर्फ जदयू में ही नहीं, भाजपा के घर में भी लगी आग!