Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Uttarakhand Tunnel Collapse : उत्तराखंड सुरंग में अब भी फंसे हुए हैं 40 मजदूर, रेस्क्यू में लग सकते हैं और 2 दिन

हमें फॉलो करें Uttarakhand Tunnel Collapse : उत्तराखंड सुरंग में अब भी फंसे हुए हैं 40 मजदूर, रेस्क्यू में लग सकते हैं और 2 दिन
उत्तरकाशी , मंगलवार, 14 नवंबर 2023 (00:08 IST)
Uttarakhand Tunnel Collapse : उत्तराखंड (uttarakhand) में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग के एक हिस्से के ढहने से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान तेज कर दिया गया। अधिकारियों ने कहा है कि श्रमिकों को बाहर निकालने में संभवत: एक-दो दिन और लग सकते हैं। 
 
पाइप के जरिए ही श्रमिकों से उनका हालचाल जाना है। उन्हें दवाई के लिए भी पूछा है। लेकिन श्रमिकों ने कहा कि वह सही है। इसलिए कोई दवाई नहीं भेजी गई। श्रमिकों ने खाना मांगा तो उन्हें चने आदि भेजे गए। 
 
जल्दी से जल्दी मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है। मलबा हटाने का कार्य श्रमिक ही कर रहे हैं। श्रमिकों को सुरंग के अंदर काम करने का अच्छा अनुभव होता है।
 
अधिकारियों के अनुसार, 36 घंटे से अधिक समय से सुरंग में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं और उनसे संपर्क स्थापित कर लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्थल का दौरा किया और वहां युद्धस्तर पर जारी बचाव एवं राहत कार्यों का निरीक्षण किया।
 
रविवार सुबह घटना के तत्काल बाद से ही फंसे श्रमिकों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है जबकि रविवार मध्यरात्रि के बाद मजदूरों से संपर्क स्थापित होने पर उन्हें पेयजल और खाने के पैकेट भी पाइपलाइन के माध्यम से कंप्रेसर की मदद से दवाब बनाकर भेजे जा रहे हैं।
 
मौके पर पहुंचे आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को मंगलवार रात या बुधवार तक बाहर निकाला जा सकता है।
 
घटनास्थल पर लगातार गिर रहे ढीले मलबे को स्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बचाव कार्य में बाधा डाल रहे ढीले मलबे पर कंक्रीट का छिड़काव कर ‘शॉटक्रीट’ की प्रक्रिया से उसके स्थिरीकरण का प्रयास किया जा रहा है और एक बड़े व्यास का स्टील पाइप डालकर फंसे श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा।
 
सिन्हा ने सिलक्यारा में प्रेस कॉन्फेंस में बताया कि अब तक करीब 15-20 मीटर तक मलबा निकाला जा चुका है और यह प्रक्रिया जारी है। हम ढाई फुट व्यास का स्टील पाइप मंगा रहे हैं जिसे बोरिंग के जरिए मलबे में डाला जाएगा और उससे लोगों को बाहर निकाला जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हम कल रात या परसों तक फंसे लोगों को बाहर निकाल लेंगे।
 
उन्होंने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को ऑक्सीजन, खाद्य सामग्री और पेयजल की आपूर्ति हो रही है और इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
 
ये स्टील पाइप हरिद्वार से मौके के लिए रवाना कर दिए गए हैं जबकि इन्हें स्थापित करने के लिए सिंचाई विभाग के पांच विशेषज्ञ अभियंताओं के दल को भी देहरादून से सिलक्यारा पहुंचने को कहा गया है।
 
पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि फंसे श्रमिकों से वॉकी टॉकी के जरिए रविवार मध्यरात्रि के बाद पहला संपर्क स्थापित हुआ।
 
राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने कहा कि श्रमिकों से कई बार संपर्क स्थापित हो चुका है।
 
उन्होंने बताया कि मजदूरों के निकलने के लिए रास्ता बनाने के वास्ते दिन रात काम कर रहे बचाव कर्मियों ने उनके लिए पाइप से सूखे मेवे भी भेजे।
 
खाल्को ने कहा कि हम श्रमिकों को जल्द और सकुशल बाहर निकालने के लिए सभी विकल्पों पर काम कर रहे हैं। हमारे पास प्लान ए, प्लान बी और प्लान सी तैयार हैं और हम जरूरत के हिसाब से आगे बढ़ रहे हैं।
 
देहरादून में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, धरासू एवं बड़कोट के बीच निर्माणाधीन सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में सिलक्यारा की ओर से 270 मीटर अंदर 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा गिरने के कारण 40 व्यक्ति फंस गए।
 
कुल 4531 मीटर लंबी सुरंग का 2340 मीटर हिस्सा सिलक्यारा की तरफ से और 1600 मीटर हिस्सा बड़कोट की तरफ से बन चुका है।
 
घटना के कारणों की जांच के लिए उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में गठित तकनीकी समिति ने भी मौके का निरीक्षण किया।
 
उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा उपलब्ध सूची के अनुसार, सुरंग में फंसे श्रमिकों में से 15 झारखंड, आठ उत्तर प्रदेश, पांच ओडिशा, चार बिहार, तीन पश्चिम बंगाल, दो-दो उत्तराखंड और असम तथा एक हिमाचल प्रदेश के हैं।
 
घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि सुरंग में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है।
 
प्रधानमंत्री ने की बात : धामी ने प्रभावितों के परिजनों को आश्वस्त किया कि सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रेलमंत्री ने भी उनसे पूरे घटनाक्रम के बारे में बात की है और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
 
मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि सुरंग में जारी बचाव कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा और वहां फंसे सभी 40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
 
पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, अग्निशमन, आपातकालीन 108 व सुरंग का निर्माण करा रही संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), सीमा सड़क संगठन और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के कर्मचारी मलबा हटाने और सुरंग खोलने के काम में जुटे हुए हैं। इनपुट भाषा

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Imran Khan : इमरान खान के खिलाफ अदालत ने जारी किया गिरफ्‍तारी वारंट, तोशखाना उपहार से जुड़ा मामला