देहरादून। Uttarkashi Avalanche : नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) ने बताया कि उत्तरकाशी में हुए हिमस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। बचावकर्मियों ने मौके से और 12 पर्वतारोहियों के शव बरामद किए हैं। माना जा रहा है कि 15 पर्वतारोही अब भी लापता हैं। टीम का नेतृत्व कर रहे नायब सूबेदार अनिल कुमार ने बताया पर्वतारोहियों ने किस तरह अपनी जान बचाई।
पर्वतारोही चढ़ाई के बाद लौटते समय 17 हजार फुट की ऊंचाई पर द्रौपदी का डांडा-द्वितीय चोटी पर मंगलवार को हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। एनआईए द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक अभी तक 16 शव बरामद हुए हैं जिनमें से 12 प्रशिक्षुओं के हैं जबकि दो शव प्रशिक्षकों के हैं।
हिमस्खलन वाले दिन सिर्फ 4 शव बरामद हो सके थे। संस्थान ने बताया कि मौके पर अभी तक राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
उसने कहा कि हालांकि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर को राहत कार्य से वापस बुला लिया गया है। उसने बताया कि मौसम अगर सही रहा तो शुक्रवार सुबह फिर से हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी।
राज्य आपात अभियान केन्द्र (एसईसीओसी) ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में स्थित हाई ऑल्टिट्यूड वायफेयर स्कूल की 14 सदस्यीय टीम भी आज से बचाव कार्य में जुट गयी है।
टीम का नेतृत्व कर रहे नायब सूबेदार अनिल कुमार ने पीटीआई को बताया कि टीम में प्रशिक्षु सहित कुल 34 पर्वतारोही थे। कुमार उन घायल 14 पर्वारोहियों में से एक हैं जिन्हें एनआईए के बेस कैंप से लाकर बुधवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि हिमस्खलन के दौरान 33 पर्वतारोहियों ने दरारों में छुपकर शरण ली थी।
उन्होंने कहा कि चूंकि मैं अन्य से आगे चल रहा है, मैं दरार के बाईं ओर लटक गया। जब बर्फ स्थिर होने लगी तो मैंने रस्सियां खोलीं और अपनी टीम के लोगों को बचाना शुरू किया। अन्य प्रशिक्षक भी मेरे साथ शामिल हुए। उचित उपकरण नहीं होने के कारण उन्हें बर्फ हटाने में दो घंटे लगे।
प्रशिक्षक ने बताया कि जो भी दिखा उसे बाहर खींच लिया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद टीम के 29 सदस्य दरारों में फंसे रह गए। भाषा Edited by Sudhir Sharma