मुंबई। शिवसेना ने प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को नजरअंदाज करने और भारतरत्न से सम्मानित न किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में सोमवार को लिखे संपादकीय में कहा कि वीर सावरकर को पूर्ववर्ती केंद्र सरकारों और यहां तक कि नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में नजरअंदाज किया गया। संपादकीय में कहा गया है कि वरिष्ठ कलाकार भूपेन हजारिका को आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए देश के सर्वोच्च सम्मान भारतरत्न से सम्मानित किया गया है, जो कि 'गलत बात' है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार में शामिल शिवसेना लंबे समय से वीर सावरकर को देश के सर्वोच्च सम्मान भारतरत्न से सम्मानित किए जाने की मांग कर रही है। वीर सावरकर ने आजीवन कारावास की सजा के दौरान अंडमान की सेलुलर जेल में अपने जीवन का लंबा अर्सा गुजारा था।
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कुछ वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि अब उचित समय आ गया है कि वीर सावरकर को भारतरत्न देकर पूर्व की गलतियों को सुधार लिया जाए। उन्होंने पत्र में कहा था कि प्रखर हिन्दुत्ववादी विचारों के कारण वीर सावरकर को जान-बूझकर पहले की सरकारों ने नजरअंदाज किया।
संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा जब विपक्ष में थी तो वह वीर सावरकर को भारतरत्न सम्मान देने और राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा जोरशोर से उठाती थी। संपादकीय में कहा गया कि मोदी कुछ दिनों पहले अंडमान गए थे और वहां सेलुलर जेल की उस कोठरी में भी गए थे, जहां वीर सावरकर कैद थे। प्रधानमंत्री ने वहां कुछ ध्यान भी किया लेकिन वह सब समुद्र की लहरों में बह गया। (वार्ता)