देहरादून। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री ने चारों धामों में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को समाप्त करते हुए एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस विभाग नियमों का कड़ाई से पालन करें और अतिरिक्त सावधानी बरते।
चार धाम यात्रा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सुव्यवस्थित और नियमानुसार यात्रा संचालन के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा को लेकर सरकार लगातार मॉनिटरिंग कर रही है। बीते 2 सालों में कोविड संक्रमण के कारण यात्रा नहीं चल पाई है ऐसे में इस बार यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा हमारी चुनौती है लेकिन सरकार इसे सुव्यवस्थित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। धामी ने कहा कि बीते कुछ समय में चार धाम यात्रा में जितनी भी कैजुअल्टीज हुई हैं वह यात्रा में अव्यवस्था एवं भगदड़ मचने से नहीं बल्कि अन्य स्वास्थ्यगत कारणों से हुई है।
मुख्यमंत्री ने चार धाम यात्रा पर आने वाले नौजवानों से अनुरोध करते हुए कहा है कि नौजवान पहले बुजुर्ग एवं महिलाओं को दर्शन करने का मौका दें।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू ने भी चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं के संबंध में उच्च अधिकारियों एवं सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम व्यवस्था सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हो इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि वीकेंड में श्रद्धालुओं के बढ़ने की सम्भावना है, जिसके लिए समुचित व्यवस्थाएं पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जाएं। बिना पंजीकरण वाले यात्रियों को आगे जाने से रोका जाए साथ ही यात्रियों के रूकने के लिए उचित स्थानों पर टेंट सिटी का निर्माण किया जाए। यात्रियों को ऐसी जगहों पर रोका जाए, जहां उनके रुकने के लिए व्यवस्था उपलब्ध कराई जा सकें।
उन्होंने कहा कि ओवर चार्जिंग से प्रदेश की छवि खराब होती है, इसे रोकने के लिए यात्रा मार्गों में ओवर चार्जिंग को रोकने हेतु कठोर कदम भी उठाए जाएं, साथ ही, ऐसे व्यक्तियों पर चालान करने के साथ ही अरेस्ट भी किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा व्यवस्थित तरीके से चल सके इसके लिए राज्य आपदा परिचालन केंद्र कंट्रोल रूम को एक्टिवेट कर दिया गया है।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जिला आपदा परिचालन केंद्रों को भी एक्टिवेट करते हुए चारधाम यात्रा से सम्बन्धित सभी जानकारियां साझा करने हेतु आपदा परिचालन केंद्रों को चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम के रूप में प्रयोग करने के निर्देश दिए।
उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग में समुचित मात्रा में टॉयलेट विशेषकर महिला टॉयलेट एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए मार्ग में ऑडियो संदेश के माध्यम से लगातार हेल्थ एडवाइजरी एवं अन्य जानकारियों का प्रसारण किया जाए।
मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को यात्रा मार्ग में जाम की समस्या को दूर करने और कंजेशन को कम करने के लिए मालवाहक वाहनों को रात्रि के 10 बजे से प्रातः 4 बजे तक के प्रतिबंधित समय में भी संचालन की अनुमति दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि रात्रि को चलने वाले मालवाहक वाहनों के चालकों और परिचालकों की जगह-जगह पर चैकिंग कर यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि उन्होंने मदिरा आदि का नशा न किया हो और वाहनचालक बहुत लम्बी यात्रा कर थके न हों और लम्बे समय से जागे न हों ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।