मुंबई। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि यदि हमने भाजपा को मौका नहीं दिया होता तो आज देश का प्रधानमंत्री शिवसेना का होता। उल्लेखनीय है कि बाला साहेब ठाकरे की जयंती पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी भाजपा के साथ 25 साल की दोस्ती को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।
राउत ने कहा कि बाबरी विध्वंस के बाद हिंदुस्तान में हमारी एक लहर थी। अगर हम उस समय उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ते तो देश में हमारा (शिवसेना पार्टी का) प्रधानमंत्री होता, लेकिन हमने बीजेपी के लिए सब कुछ छोड़ दिया।
उन्होंने कहा कि ये सही है, ये सिर्फ शिवसेना के साथ नहीं हुआ बल्कि जो भी बीजेपी के साथ चला गया था, उन सभी का यही हाल हुआ। सभी को कीमत चुकानी पड़ी। संजय राउत ने कहा कि हम भाजपा को महाराष्ट्र में एकदम निचले स्तर से टॉप पर लेकर आ गए।
हिन्दुत्व तो शिवसेना ने छोड़ा : केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि बीजेपी ने हिंदुत्व के साथ 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' की भूमिका भी निभाई है। बीजेपी ने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है बल्कि मुझे लगता है कि शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ा है। उन्हें दोबारा बीजेपी के साथ आने के बारे में सोचना चाहिए।
बाल ठाकरे के विचारों पर मंथन करें : वहीं भाजपा नेता राम कदम ने कहा कि उद्धव ठाकरे भाजपा को हिंदुत्व की नसीहत देने से पहले बाला साहब ठाकरे के विचारों पर मंथन करें। बाला साहब ठाकरे ने कहा था कि वह कभी भी कांग्रेस के साथ समझौता नहीं करेंगे। अगर कभी ऐसा हुआ तो वह शिवसेना को ताला लगाना पसंद करेंगे।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि जिस प्रकार का भाषण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिया है उससे लगता है कि कहीं न कहीं वह आहत हैं अपनी पार्टी के चौथे नंबर पर जाने से और उसका गुस्सा भाजपा पर निकाल रहे हैं। होना तो यह चाहिए था कि वह राज्य के सवालों और दिक्कतों पर पर बोलते।