बंगाल में बांग्लादेश जैसे हालात, महिलाओं के साथ छेड़छाड़, घरों पर फेंके बम, पलायन को मजबूर 400 लोग
मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के सुती, धुलियान, जंगीपुर और शमशेरगंज समेत कई इलाकों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए, जो सांप्रदायिक हिंसा में बदल गए। इसके कारण प्रभावित लोगों का प
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने रविवार को आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर हुई हिंसा और आगजनी के बाद मुर्शिदाबाद जिले के अशांत धुलियान से 400 से अधिक लोग सुरक्षा की तलाश में पलायन कर गए हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और इतने ही लोग गोली लगने से घायल हुए हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि बंगाल में बांग्लादेश जैसे हालात हो गए हैं।
भागीरथी नदी पार की
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित सैकड़ों लोगों ने भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण ली है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। स्थानीय प्रशासन ने दंगा प्रभावित परिवारों के लिए आश्रय और भोजन की व्यवस्था की है तथा उन्हें स्कूलों में शरण दी है। साथ ही मुर्शिदाबाद से नावों से आने वालों की सहायता के लिए नदी तट पर स्वयंसेवकों को तैनात किया है।
सोशल मीडिया पर भयावह तस्वीरें
मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के सुती, धुलियान, जंगीपुर और शमशेरगंज समेत कई इलाकों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए, जो सांप्रदायिक हिंसा में बदल गए। इसके कारण प्रभावित लोगों का पलायन शुरू हो गया। मीडिया में आई तस्वीरों में मुर्शिदाबाद के इन इलाकों में दुकानें, होटल और घर जलते हुए दिखाई दे रहे हैं।
महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़
अपने परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ मुर्शिदाबाद से पलायन करने वाली एक युवती ने संवाददाताओं को बताया कि हम धुलियान के मंदिरपाड़ा इलाके से इसलिए भागे क्योंकि हमारे घरों में आग लगा दी गई थी। महिलाओं और लड़कियों के साथ बाहरी लोगों तथा कुछ स्थानीय लोगों के एक समूह ने छेड़छाड़ की थी।
महिला ने दावा किया कि उन्होंने बम फेंके, हमें वक्फ (संशोधन) अधिनियम के लिए दोषी ठहराया और हमें तुरंत अपने घर छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने हमारे घर के पुरुषों को पीटा। हम अपनी जान को लेकर डरे हुए थे और केंद्रीय बलों की मदद से अपने घरों से भागे।
एक अन्य बुजुर्ग महिला ने कहा कि हमने हमलावरों से हाथ जोड़कर माफी मांगी, जबकि हमने कोई गलत काम नहीं किया था। हथियार लहराते हुए हमलावरों ने बहुत अत्याचार किए। मैं, मेरा बेटा, बहू और पोता अपना कुछ सामान लेकर भाग निकले। नहीं तो हम मारे जाते। लोग पलायन कर गए हैं और पड़ोसी मालदा जिले के देवनापुर-सोवापुर ग्राम पंचायत के पार लालपुर हाईस्कूल और बैसनबनगर में शरण ले ली है। भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि तकरीबन 400 हिन्दू पलायन कर चुके हैं।
इस बीच, शनिवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश के बाद, केंद्रीय सशस्त्र बलों को उन सभी संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है जहां दंगा और आगजनी हुई थी। संसद के दोनों सदनों द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित किए जाने के बाद मंगलवार से ही इलाके में अशांति फैल रही थी। वक्फ अधिनियम को लेकर विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गया।
प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद के धुलियान, समसेरगंज और सुती में लूटपाट, सरकारी वाहनों को जलाने, रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और घरों को नुकसान पहुंचाने का काम किया। समसेरगंज में 71 वर्षीय व्यक्ति और उसके 40 वर्षीय बेटे की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और शनिवार को उनके क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए। पुलिस ने उन सभी चिन्हित इलाकों में रूट मार्च भी किया है, जहां से आगजनी की खबरें आई हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शनिवार शाम से ही समसेरगंज पहुंचे और वहां डेरा जमाए हुए हैं। अधिकारी ने दावा किया कि जान के डर से लोग नदी पार भागने को मजबूर हुए और मालदा के बैष्णबनगर के देवनापुर-सोवापुर जीपी के पार लालपुर हाई स्कूल में शरण ली।
केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती को मंजूरी देने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। मजूमदार ने एक्स पर कहा कि पिछले कुछ दिनों में मुर्शिदाबाद में गंभीर सांप्रदायिक अशांति देखी गई है, जो एक विशेष राजनीतिक दल के उच्च-स्तरीय उकसावे और कट्टरपंथी तत्वों के हौसले से प्रेरित है। निर्दोष लोगों पर क्रूरतापूर्वक हमला किया गया है, उनके घरों और संपत्तियों को नष्ट कर दिया गया है, और जानमाल के नुकसान की दिल दहला देने वाली खबरें सामने आई हैं।'' उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह विफल रहा है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए उन्होंने कहा, “यह तुष्टिकरण और प्रशासनिक विफलता की स्पष्ट नीति है। हमारा मानना है कि जमीन पर केंद्रीय बलों के होने से प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सामान्य स्थिति तेजी से बहाल हो सकती है। न्याय की जीत होनी चाहिए। सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने संकटग्रस्त मुर्शिदाबाद में सीएपीएफ की तैनाती का आदेश देते हुए कहा कि जब आम लोग हिंसा में पीड़ित हैं तो न्यायपालिका अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती।
न्यायालय ने कहा कि क्षेत्र में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा और संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति सौमेन सेन और राजा बसु चौधरी की विशेष पीठ ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया। अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। इनपुट एजेंसियां Edited by: Sudhir Sharma