जम्मू। कश्मीर में यह पहली बार नहीं है कि किसी पुलिसकर्मी ने पुलिस की नौकरी करते हुए आतंकियों की मदद की हो या फिर उनका गुणगान किया हो। लेकिन यह जरूर पहली बार है कि पुलिस की नौकरी करने वाली किसी महिला पुलिसकर्मी ने ऐसा करके सभी को चौंकाया है। हालांकि पुलिस की नौकरी करते हुए आतंकियों का गुणगान करने का नतीजा वह अब भुगत रही है। उसे नौकरी से बर्खास्त कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने एक आतंकरोधी अभियान में रुकावट डालने और आतंकियों के महिमामंडन की आरोपित एक महिला एसपीओ को सेवामुक्त करते हुए गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित महिला एसपीओ दक्षिण कश्मीर में फ्रिसल कुलगाम की रहने वाली है। फिलहाल, उससे पूछताछ जारी है।
जानकारी के अनुसार, 14 अप्रैल को कुलगाम के करेवा, फ्रिसल में आतंकियों के एक मकान में छिपे होने की सूचना पर सेना व पुलिस के एक संयुक्त कार्यदल ने तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी ले रहे सुरक्षाबलों ने जब एक मकान में दाखिल होने का प्रयास किया तो वहां मौजूद एक महिला ने उनका प्रतिरोध किया।
उसने सुरक्षाबलों को तलाशी के लिए अपने घर के आंगन में दाखिल होने से रोका। उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उसने कई भड़काऊ बातें कहीं। उसने आतंकियों को सही ठहराते हुए उनका महिमामंडन भी किया। महिला ने इस दौरान अपने निजी मोबाइल फोन से एक वीडियो भी शूट किया और बाद में उसे इंटरनेट मीडिया पर वायरल भी किया।
महिला के व्यवहार से न सिर्फ सुरक्षाबलों को अपना अभियान रोकना पड़ा, बल्कि कानून व्यवस्था का संकट पैदा होने की आशंका हो गई। पुलिस ने इस मामले का संज्ञान लिया और मामला दर्ज कर लिया। जांच के दौरान महिला के पुलिस में एसपीओ होने का तथ्य भी सामने आया। उसी समय उसे सेवामुक्त कर दिया गया। उसकी पहचान सैयमा अख्तर के रूप में हुई है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया और कुलगाम में महिला पुलिस स्टेशन में उससे पूछताछ जारी है।