नागपुर। नेपाल की 22 वर्षीय एक महिला को एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने के लिए लखनऊ से भागकर 800 किलोमीटर दूर नागपुर जाना पड़ा। पुलिस ने सोमवार को बताया कि आरोपी ने महिला को पुलिस के पास ना जाने की धमकी दी थी।
महिला के साथ दुष्कर्म की वारदात लखनऊ में हुई लेकिन धमकी की वजह से वह उत्तर प्रदेश की राजधानी से भागकर किसी तरह नागपुर पहुंची। उन्होंने बताया कि वह यहां अपनी एक दोस्त के पास पहुंची, जिसने ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज कराने में उसकी मदद की।
‘जीरो एफआईआर’ किसी भी पुलिस थाने में दर्ज कराई जा सकती है और बाद में उसे संबंधित पुलिस थाने में स्थानांतरित किया जा सकता है। नागपुर के कोराठी पुलिस थाना ने बताया कि महिला की शिकायत के अनुसार वह नौकरी के सिलसिले में 2018 में नेपाल से भारत आई थी।
इस साल मार्च से वह लखनऊ में अपनी एक दोस्त के किराए के मकान में रह रही थी। यह मकान लखनऊ के फैजाबाद मार्ग पर स्थित है। महिला की दोस्त ने उसका आरोपी प्रवीण राजपाल यादव से वीडियो कॉल के जरिए परिचय कराया था। यादव लखनऊ का रहने वाला है और वह दुबई में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था।
पीड़िता के अनुसार उसने अपनी दोस्त को 1.5 लाख रुपए दिए थे लेकिन जब उसने राशि मांगनी शुरू की तो दोस्त का व्यवहार बदल गया और उसने उसे (पीड़िता) को परेशान करना और मारना-पीटना शुरू कर दिया। पीड़िता ने इसकी शिकायत यादव से की, जिसने उसके लिए लखनऊ में एक होटल बुक कर दिया और उसे वहां चले जाने को कहा।
कुछ दिनों के बाद आरोपी भी दुबई से लखनऊ आ गया और उसने पीड़िता से होटल में मुलाकात की। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने उसे नशीला पदार्थ खिलाया और दुष्कर्म किया। यह व्यक्ति महिला को लखनऊ में एक दोस्त के घर ले गया और वहां भी उसे नशीला पदार्थ देकर उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दीं और धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में पुलिस से शिकायत की तो वह इन तस्वीरों को वायरल कर देगा।
महिला इसके बाद किसी तरह से लखनऊ से भागकर नागपुर में अपनी एक नेपाली दोस्त के यहां 30 सितंबर को पहुंचने में सफल रही। पीड़िता पुलिस की एक टीम के साथ मामले के दस्तावेज लेकर रविवार की रात को लखनऊ के लिए रवाना हुई, जहां लखनऊ के चिनहाट पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया जाएगा। अधिकारी ने यह जानकारी दी।(भाषा)