नई दिल्ली। दिल्ली में यमुना नदी का जल स्तर लगातार कम हो रहा है, लेकिन गुरुवार को पानी खतरे के निशान 204.5 मीटर से थोड़ा ऊपर ही है। दिल्ली के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, बुधवार को सुबह 7 बजे जल स्तर 204.89 मीटर था, जो गुरुवार को सुबह 8 बजे 204.66 मीटर पर पहुंच गया।
केंद्रीय जल आयोग के एक पूर्वानुमान के अनुसार शाम करीब 5 बजे तक जल स्तर 204.5 मीटर तक पहुंच सकता है। नदी का जलस्तर गत शुक्रवार को 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया था जिससे अधिकारियों को निचले इलाकों से करीब सात हजार लोगों को निकालना पड़ा था। हालांकि सोमवार को जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया था और मंगलवार को शाम छह बजे यह 203.96 मीटर था।
ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश के बीच हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से और पानी छोड़े जाने के बाद मंगलवार रात पानी फिर से चेतावनी के निशान को पार कर गया। अधिकारियों ने बताया कि वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, क्योंकि नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में और बारिश होने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि अगले दो-3 दिन में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। यमुना नदी प्रणाली के जलग्रहण क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्से शामिल हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले सप्ताह लोगों से नदी के किनारे नहीं जाने का आग्रह किया था। गत गुरुवार को यमुना में 2.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो इस साल अभी तक छोड़ा गया सर्वाधिक पानी था।
आमतौर पर हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी का प्रवाह बढ़ जाता है। बैराज से छोड़े गए पानी को राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंचने में आमतौर पर 2 से 3 दिन लगते हैं। दिल्ली में नदी के पास बसे इलाकों में बाढ़ आने का खतरा बना रहता है, जहां करीब 37 हजार लोग रहते हैं।(भाषा)