कानपुर। पिछले 10 वर्षों से यूपी के किसान मौसम की मार झेल रहे हैं। ऐसे में कृषि वैज्ञानिक कृषकों को उन्नत तकनीक प्रदान करें, जिससे उनकी आमदनी दोगुना हो सके। यह बात यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में 82 कृषि वैज्ञानिकों के साथ महापंचायत में कही।
सीएसए स्थित भारतीय कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी) ने गुरुवार को अपने 24वें वार्षिक वर्कशॉप समारोह का आयोजन किया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की। दीप प्रज्ज्वलित व सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। उन्होंने देश के 82 वैज्ञानिकों के साथ किसानों के उत्थान के लिए महापंचायत की।
सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले 10 सालों से उत्तर प्रदेश में किसानों की फसलें मौसम की मार के चलते बर्बाद हो गईं है, जिससे किसानों का बहुत बड़ा नुकसान हुआ, लेकिन इस बार मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मानसून बेहतर रहने की संभावना है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिक यह तय कर लें कि कृषकों की आमदनी दोगुना करने के लिए बेहतर तकनीक कृषकों को उपलब्ध कराएं। साथ ही कृषि अधिकारी खुद जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग करें। कृषकों को उन्नतिशील बीज हर हाल में मुहैया कराई जाए।
देश व प्रदेश में किसानों की खुदखुशी को लेकर भी सीएम ने चिंता जताई और उन्हें मुख्यधारा में लाने के साथ खेती-किसानी में हो रहे घाटे को दूर करने पर कृषि वैज्ञानिकों से राय मांगी। सूखा, ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश के चलते किसान की फसलें लगातार बर्बाद होने व उनसे निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने सीएम को कुछ प्लानिंग बताते हुए सरकार के साथ जानकारियों से अवगत कराया।
फल-सब्जी की ओर करें प्रेरित : 24वीं वार्षिक वर्कशॉप में किसानों को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने, उनकी आय बढ़ाने और किसानों की समस्याओं पर सीएम योगी ने कृषि वैज्ञानिकों के साथ मंथन किया। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक किसानों को कम लागत, कम पानी और कम बारिश में कैसे ज्यादा उत्पादन मिले, इस पर जोर दें। इसके साथ ही सीएम कृषि विज्ञान केंद्रों की उपलब्धि और करंट फाइनेंशियल ईयर में लक्ष्य की जानकारी भी ली।
कृषि वैज्ञानिकों ने बैठक के दौरान सीएम को सुझाव दिया कि यूपी में ज्यादातर किसान गेहूं, गन्ना सहित अन्य फसलें उगाते हैं, जो बेमौसम बारिश और सूखा पड़ने के चलते खराब हो जाती हैं। यह सुन सीएम ने कहा कि किसानों को फल, सब्जी व बागवानी जैसी अन्य फसलों को उगाने के लिए किसानों को प्ररित किया जाए। इससे वो कम समय में फसल तैयार कर लेंगे और अच्छा मुनाफा भी कमाएंगे।
किसान खुशहाल तो देश खुशहाल : सीएम ने बैठक के दौरान कहा कि जब तक देश का अन्नदाता खुशहाल नहीं होगा, तब तक देश का विकास असंभव है। इसलिए हम सब को किसानों के विकास के लिए अब नए सिरे से रणनीति बनानी होगी साथ ही जनप्रतिनिधि और ब्योरोकेट्स को किसानों के पास जाकर उनकी समस्याओं का निराकरण करना होगा।
सीएम ने कहा कि पिछले कई वर्षों से पूर्वी उत्तर कभी अपनी मिठास के लिए जाना जाता था, लेकिन सपा और बसपा सरकार के गैर जिम्मेदार रवैए के चलते वहां की गन्ना मिलें आईसीयू में चली गई हैं। भाजपा सरकार किसानों की समस्याएं जड़ से खत्म करने के लिए रणनीति बना रही है और कुछ माह के बाद अच्छे नतीजे आएंगे। सीएम ने इस दौरान कहा कि यूपी में नए 21 कृषि वैज्ञानिक केंद्र खोले जाएंगे। सीएम ने जलवायु परिवर्तन पर भी चिंता जताई और ज्यादा से ज्यादा पौधारोपड़ के लिए लोगों को जागरूक कर पेड़ लगाए जाने की अपील की।
जब बगले झांकने लगे अधिकारी : सीएसए परिसर पर बैठक के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने वहां मौजूद जिले के कृषि अधिकारियों से किसानों के लिए मानसून आने से पहले जमीन पर क्या तैयारी की है, उसका ब्योरा तलब कर लिया। यह सुन अधिकारी बगले झांकने लगे और कई जानकारियां दीं। जिस पर सीएम संतुष्ट नहीं हुए और डीएम से पूरे प्रकरण पर सवाल-जवाब किए।
बाल भवन पहुंचे सीएम : सीएम योगी आदित्यनाथ कृषि वैज्ञानिकों के साथ बैठक के बाद फूलबाग स्थित जिला बाल कल्याण समिति फूलबाग के लिए रवाना हो गए। उन्होंने वहां आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर बच्चों से बातचीत की। वहां से दोपहर को कार से चलकर पुलिस लाइन स्थित हैलीपेड पर पहुंचे। वहां से वे हेलीकॉप्टर से लखनऊ वापस लौट गए।