नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को सीबीएसई की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और राज्य सरकार पूरा खर्च वहन करेगी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को यह घोषणा की।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा शुल्क वृद्धि की घोषणा के बाद दिल्ली सरकार ने यह निर्णय लिया। सिसोदिया ने कहा कि शुल्क वृद्धि को वापस लेने के लिए सीबीएसई के साथ चर्चा जारी है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में छात्रों को सीबीएसई की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और दिल्ली सरकार सभी श्रेणियों के छात्रों के लिए पूरा खर्च वहन करेगी और इसके तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार शुल्क वृद्धि को वापस लिए जाने के संबंध में सीबीएसई के साथ विचार-विमर्श कर रही है। चाहे जो भी हो, किसी भी छात्र पर बोझ नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार इस खर्च को वहन करेगी। कक्षा 10वीं और 12वीं के सामान्य वर्ग के छात्रों के शुल्क में भी दोगुनी वृद्धि की गई है और अब उन्हें 5 विषयों के लिए 750 रुपए के स्थान पर 1,500 रुपए देने होंगे।
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्र पहले 5 विषयों के लिए बतौर फीस 375 रुपए देते थे और अब उन्हें 1,200 रुपए देने होंगे। राष्ट्रीय राजधानी में विशेष व्यवस्था के तहत ये छात्र केवल 50 रुपए का भुगतान कर रहे थे जबकि दिल्ली सरकार शेष राशि का भुगतान सबसिडी के रूप में कर रही थी। (भाषा)