पिता मील का पत्थर,
जो सचाई की राह बताते।
पिता पहाड़,
जो जिंदगी के उतार-चढ़ाव समझाते।
पिता जौहरी,
जो शिक्षा के हीरे तराशते।
पिता दीवार,
जो अपने पर भ्रूणहत्या पाप लिखवाते।
पिता पिंजरा,
जो रिश्तों को जीवनभर पालते।
पिता भगवान,
जो पत्थर तराश पूजे जाते।
पिता सूरज,
जो देते यादों के उजाले।
पिता हाथ,
जो देते सदा शुभ आशीष
पिता दुआएं,
जो बिन उनके अब साथ मेरे।
पिता आंसू,
जो अब मेरी आंखों में हैं बसे।