Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हिन्दी कविता : गुनाहगार कौन है

Advertiesment
हमें फॉलो करें poem in Hindi

सलिल सरोज

इस चाराग़री में सब होशियार हैं
वर्ना खुद से ही कौन गुनाहगार है ।।1।।
 
कमी है कुछ झुके हुए मस्तकों की
वर्ना तलवारें तो सब की तैयार हैं ।।2।।
 
हर चाल में ही छिपी एक चाल है
कौन बचेगा, किसको इख़्तियार है ।।3।।
 
बच्चियां आखिर क्यों नहीं बिकेगी
देखिए जहां, जिस्म का बाज़ार है। 4।।
 
खुशफ़हमी ही थी मुझे शराफत की
जिससे मिला वही शख्स बीमार है ।।5।।
 
देखो कभी दस्ते-सितमसाई गौर से
उतर जाएगी आंखों में जो खुमार है ।।6।।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कौन से 9 दिन उबलेगा नवतपा, जानिए कैसी होगी वर्षा इस साल