विधि और अनुराग एक दूसरे को 1 साल से डेट कर रहे थे। एकदूसरे का साथ इन्हें जमकर भा रहा था। इसके बाद सवाल आया घर पर एकदूसरे के बारे में बताने का और मम्मी पापा से मुलाकात करवाने का। विधि को अपने घरवालों पर भरोसा था। उसे विश्वास था कि जब वह अनुराग को मम्मी पापा से मिलवाएगी तो वे उसे तुरंत ही पसंद कर लेंगे। अनुराग पढ़ा लिखा था। अच्छी जॉब में था और पर्सेनेलिटी भी बढ़िया था।
बड़े भरोसे के साथ विधि अनुराग को अपने घर ले गई। मम्मी और पापा से मिलवाया और ये क्या अजीब अजीब सवाल पापा पूछने लग गए। मम्मी भी कुछ कम नहीं। बार बार के इशारे, अंदर बुलाना ये सब क्या था। विधि को भरोसा ही नहीं हुआ। आखिर क्या पसंद नहीं आया अनुराग में?
पैरेंट्स नहीं करते आपकी पसंद को पसंद
आपको लग रहा होगा कि आपकी कहानी भी इस केस से मिलती जुलती है। कभी तो आप घर पर अपनी डेट के बारे में बता ही नहीं पाते और अगर हिम्मत करके बता भी दें तो रिएक्शन देखकर आपका उत्साह ठंडा पड़ जाता है। ऐसा लगभग हर किसी के साथ होता है। कारण कई हैं और बड़े सिंपल हैं बस आपने ध्यान नहीं दिया अब तक।
आप करें जिसे डेट, इसलिए नहीं आते आपके पैरेंट्स को पसंद
जनरेशन गेप : आपके माता-पिता और आपके बीच एक पूरी जनरेशन का फर्क है। उनकी सोच और आपकी सोच में ज़मीन आसमान का अंतर है। जिस तरीके से आप किसी रिश्ते को उनके सामने ला रहे हैं वे उसके आदी नहीं। उनके अनुसार जो चीज़ें बड़ों का हक़ हैं आप उन्हें अपने हाथ में ले रहे हैं।
कॉम्पिटिशन : आपके माता पिता आपको अपना सबकुछ समझते हैं। जब आप किसी को उनसे मिलवाने ले जाते हैं तो उन्हें मन में अचानक ही आपको खोने का ख्याल आता है। चाहे आप अपनी गर्लफ्रेंड को उनसे मिलवाएं या बॉयफ्रेंड को , आप एक खास रिश्ते की शुरूआत का एहसास उन्हें देने लगते हैं। उनके मन में डर, जलन, कॉम्पिटिशन जैसे कई इमोशन एक साथ आ जाते हैं। ऐसे में आपकी पसंद की अच्छाईयां भी उन्हें नज़र नहीं आतीं।
आप पर कम भरोसा : उन्होंने आपको पाला है। आपने अपने किसी भी छोटे बड़े फैसले में उनकी सलाह को सबसे खास समझा। जब आप अपनी पसंद को उनसे मिलवाते हैं तो उन्हें लगता है कि उन्हें उसे परखने का वक्त ही नहीं मिला। उन्हें लगता है जैसे आप उनसे हां ही चाह रहे हैं। जिसे उन्होंने बचपन से आज तक हर फैसले में मदद की हो उसकी ज़िंदगी का फैसला वो पूरी तरह से उस पर ही तो नहीं छोड़ सकते। उन्हें ढेर सारा टाइम चाहिए।
आपकी सुरक्षा : आप अपनी पसंद को उनसे मिलाने काफी वक़्त के बाद ले जा रहे हैं। ये 1, 2 या चाहे जितने साल हो सकते हैं। आपके माता पिता इस इंसान पर तुरंत भरोसा नहीं कर सकते। उन्हें आपकी फिक्र है। आप उनके लिए सबसे अधिक कीमती हैं और इस इंसान पर उन्हें फिलहाल भरोसा नहीं।
आपको इमोशनली हर्ट होने से बचाना : कोई इंसान जब खास बन जाए तो उससे दूरी सहना कितना मुश्किल है ये सभी को पता है। आप जिसे मिलवा रहे हैं उसका आपको इमोशनली हर्ट करने की आशंका हमेशा ही पैरेंट्स को बनी रहती है। आप इस इंसान में ज़रूरत से ज्यादा मन न लगा लें इसकी कोशिश भी पैरेंट्स की रहती है।
आपको खोने का डर : आज तक आपके लिए पैरेंट्स से बढ़कर कोई नहीं था। अब आप जब इन्हें मिलवाने के लिए लाते हैं तो माता-पिता को लगता है कि कोई रिश्ता आपके लिए उनसे ज़्यादा खास होने वाला है। ऐसे में आपकी ज़िंदगी में सेकेंडरी होने की फीलिंग उन्हें घेर लेती है।