हवन की आहुति में विभिन्न प्रकार के फल, सूखे मेवे और जड़ी-बूटियों सहित केसर की आहुति दी जाती है। गुरुवार को इस महायज्ञ में महा-आहुति के रूप में लगभग 11 तौले स्वर्ण के आभूषण राजराजेश्वरी मां नर्मदा जी के निमित्त हवन में भेंट किए जाएंगे। दादाजी दरबार में प्रतिदिन 5100 नर्मदेश्वरों का नित्य अभिषेक भी किया जा रहा है।
संत गौरीशंकर जी महाराज और धूनीवाले दादाजी का रजत निर्मित (चांदी) का भव्य दरबार नर्मदापुरम् के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इस भव्य दरबार के दर्शन और महायज्ञ में आहुति देने के लिए प्रतिदिन भारी भीड़ उमड़ रही है। इसी क्रम में सोहागपुर विधायक ठाकुर विजयपाल सिंह ने भी दादाजी दरबार पहुंचकर अखंड परिक्रमावासी योगी शिवानन्द महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।
ज्योतिषाचार्य पं हेमन्त रिछारिया ने बताया कि दादाजी दरबार में प्रज्वलित धूनी अहर्निश जागृत रहती है। इस धूनी के दर्शन और परिक्रमा कर श्रद्धालुगण धन्यता की अनुभूति करते हैं। महाआरती के पश्चात दादाजी शिवानन्द महाराज जी सभी श्रद्धालुओं को विभूति का वितरण करते हैं। यह सिद्ध व अभिमन्त्रित विभूति प्राप्त करने के श्रद्धालुगण बड़ी संख्या में दादाजी दरबार की आरती में सम्मिलित होते हैं।
दादाजी शिवानंद महाराज कई वर्षों से सतत नर्मदा परिक्रमा पर हैं, उनकी अखंड नर्मदा परिक्रमा अनवरत जारी रहती है। प्रतिवर्ष चातुर्मास के दौरान वे विभिन्न स्थानों पर अपना चातुर्मास व्यतीत कर अनेक धार्मिक आयोजन करते हैं। इसी क्रम में इस वर्ष वे पवित्र पावन मां नर्मदा के तट पर स्थित नर्मदापुरम् नगर में अपना चातुर्मास कर रहे हैं।
दादाजी शिवानंद महाराज जी द्वारा सजाए गए श्री धूनीवाले दादाजी और श्री गौरीशंकर जी महाराज के दिव्य दरबार में संत महात्माओं सहित सभी श्रद्धालुओं के लिए दोनों समय प्रसादी की सुविधा रहती है। आयोजन की सभी गतिविधियां पूर्णत: निशुल्क सम्पन्न होती हैं। दादाजी दरबार में सभी भारी संख्या में श्रद्धालुगण आरती व हवन में सम्मिलित होकर पुण्यलाभ अर्जित कर रहे हैं।