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11 Motivational Tips : आप भी इन 11 में से एक तो नहीं, वर्ना नहीं मिलेगी सफलता

हमें फॉलो करें 11 Motivational Tips : आप भी इन 11 में से एक तो नहीं, वर्ना नहीं मिलेगी सफलता

अनिरुद्ध जोशी

वर्तमान दौर में चरित्रवान बने रहना एक चुनौती नहीं है, परंतु कुछ लोग बनना ही नहीं चाहते हैं। उसका कारण है कि व्यक्ति आधुनिक दौर की चकाचौंध और अंधीदौड़ में शामिल होकर खुद को खो चुका है, जिसके चलते वह जीवन के हर मोर्चे पर खुद को असफल ही पाता है, कुछ लोग ऐसा करके सफल हो भी जाते हैं तो अंत में सबकुछ नष्ट ही हो जाता है और अब तो कोरोनोकाल में तो और भी सतर्क रहकर जीवन यापन करने की आवश्यकता है। तो आओ जानते हैं कि सही होने के लिए खुद को जानना कितना जरूरी है।
 
 
1. ज्यादातर लोग इस खयाल में रहते हैं कि आज नहीं कल सेहत सुधार लेंगे। धर्म कहता है कि समस्या और बीमारी को मामूली समझकर शुरू में इलाज न करना घातक सिद्ध होता है। अत: जैसे ही पता चले कि कुछ समस्या या बीमारी है तो सब कार्य छोड़कर पहले उसका समाधान और इलाज करना चाहिए अन्यथा रोग बढ़ते देर नहीं लगती।
 
3. देखा गया है कि अधिकतर व्यक्ति लोगों के दुखों में शामिल नहीं होते और खुद यह अपेक्षा रखते हैं कि कोई हमारे दुख-दर्द सुन ले और हमारी मदद करें। इसके लिए वे उन लोगों के पास भी चले जाते हैं जिनके दुखों में वे कभी खुद नहीं गए।
 
4. अपनी बुरी आदतों को ढंकने या उनको सही ठहराने वाले लोग भी बहुत मिल जाएंगे। यदि वे शराब पी रहे हैं तो शराब के अच्छे होने का तर्क देंगे। यदि वे अन्य कोई धर्मविरुद्ध कार्य कर रहे हैं तो उस कार्य को ढंकने के लिए कुतर्क का सहारा लेंगे। सिनेमा, नशा, पान आदि पर अनाप-शनाप खर्चा कर देते हैं लेकिन अपने द्वार या दुकान पर आए फकीरों और गरीबों को धक्का देकर भगा देते हैं। अपने परिवार का ध्यान नहीं रखते हैं। पत्नी, बेटी, बहन और मां की इच्‍छा और भावनाओं की इन्होंने कभी कदर नहीं की। ऐसे लोग उसी तरह नष्ट हो जाते हैं जैसे आंधियों में सूखे वृक्ष। 
 
5.ज्यादातर लोग यह समझते हैं कि आज नहीं, कल यह कार्य कर लेंगे यानी किसी काम को ये सोचकर अधूरा छोड़ना कि फिर किसी दिन पूरा कर लिया जाएगा, यह लापरवाही जीवन में असफलता का कारण बन जाती है। महाभारत में भीष्म ने इस तरह के लोगों को दीर्घसूत्रा कहा है जो जीवन में कभी सफल नहीं होते हैं।
 
6. पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार करना हर धर्म सिखाता है लेकिन कितने हैं, जो ऐसा करते हैं। पड़ोसियों से अच्‍छा व्यवहार न करने का मतलब है कि आप खुद की और दूसरों की शांति भंग कर रहे हैं। आप जहां भी जाएंगे शांति भंग ही करते रहेंगे। ऐसे लोग हमेशा यदि सोचते रहते हैं कि शांति भंग करने वाला मैं नहीं पड़ोसी ही है, यह जाएगा तभी जीवन में शांति आएगी। ऐसे लोग एक दिन खुद बेघर हो जाते हैं।
 
 
7. आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपय्या यानी आमदनी से अधिक खर्च करने वाले उधार लेकर भी जिंदगी बसर करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते और एक दिन वे बुरे दौर में फंस जाते हैं। वे सोचते रहते हैं कि आज तो कर लो खर्चा कल से बचत करेंगे या ज्यादा खर्चा नहीं करेंगे। ऐसे लोगों को बुरा इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि इनकी वजह से दूसरों का जीवन भी संकट में आ जाता है।
 
8. लाखों लोग ऐसे हैं, जो दूसरों का धन हड़पने की इच्छा रखते हैं या हड़प ही लेते हैं। लाखों लोग ऐसे भी हैं, जो दूसरों का हक मारते रहते हैं। यहां तक तो ठीक है लेकिन अब उन लोगों की संख्‍या भी बढ़ती जा रही है, जो दूसरों के विचार चुराकर उसे खुद का बताकर प्रस्तुत करते हैं। दूसरों का आइडिया चुराकर उसे खुद का आइडिया कहकर प्रस्तुत करते हैं। इस तरह का प्रयास भी धर्म में निषिद्ध कर्म कहा गया है।
 
 
9. लाखों लोग हैं, ऐसे जो अपनी जुबान बंद नहीं रख सकते। वे दूसरों को कभी बोलने का अवसर नहीं देते। हर बात में वे अपनी राय रखना चाहते हैं भले ही वे उस विषय का ज्ञान नहीं रखते हों। ऐसे लोग जरूरत से ज्यादा बातचीत करते हैं। वे बगैर सोचे-समझे करते हैं। इनमें से अधिकतर ऐसे हैं, जो हमेशा नकारात्मक बातें ही करते रहते हैं। हमेशा उनके मुंह से कटु वचन ही निकले रहते हैं। ऐसे लोगों से आप कभी भी संवाद स्थापित नहीं कर सकते।
 
 
10. बहुत से लोग ऐसे हैं, जो हर एक के सामने अपना दुख-दर्द सुनाते रहते हैं और अपने घर का भेद दूसरों पर जाहिर करते हैं। इससे घर और परिवार में बिखराव होता है। ऐसे लोग कमजोर माने जाते हैं। ऐसे लोगों का बहुत से दूसरे लोग शोषण भी करते हैं।
 
11. लिव इन रिलेशनशिप की बुराई के दौरान में पराई स्त्री से संबंध रखने वाले भी बहुत मिल जाएंगे। ऐसी स्‍त्रियां भी मिल जाएंगी, जो अपने पति को धोखा देकर दूसरे मर्द के साथ हैं या अविवाहित लड़कियां भी किसी मर्द के साथ लिव इन में रह रही हैं। यह हमारे पारिवारिक समाज की नैतिकता के विरुद्ध है। इस तरह के लोगों को देखकर कुछ तो उनका विरोध करते हैं और कुछ उनके जैसा जीवन जीने की सोचते हैं। सभी तरह के अनैतिक संबंधों को सही ठहराने वाले धर्म की नजर में अपराधी हैं। यह सभी देखते और जानते भी हैं कि इस तरह के लोगों का जीवन ज्याद समय तक नहीं चलता और वे जीवन के एक मोड़ पर नष्ट हो जाते हैं।

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