आश्विन महीने में अधिक मास 18 सितंबर से शुरू हो गया है और 16 अक्टूबर तक चलेगा। आओ जानते हैं इस महत्वपूर्ण माह की 20 सरल और छोटे-छोटे काम।
1. अधिकमास में भगवान विष्णु के सहस्त्र नाम स्त्रोत का पाठ करें।
2. इस माह में गौओं को घास खिलानी चाहिए।
3. इस मास में शालिग्राम की मूर्ति के समक्ष घर के मंदिर में घी का अखण्ड दीपक पूरे महीने जलाएं।
4. भगवान के 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस द्वादशाक्षर मंत्र का जप करना चाहिए।
5. इस माह में श्रीमद्भागवत गीता के पुरुषोत्तम नाम के 14वें अध्याय का नित्य अर्थ सहित पाठ करना चाहिए।
6. इस माह मैं शहतूत कर रस पीने के बहुत फायदे होते हैं।
7. इस माह में एक टाइम भोजन करके समय समय पर बाल हरड़ और आंवले का सेवन करना चाहिए।
9. इस माह में व्रत, उपावास के साथ ही की किए गए योगासना का दोगुना फल प्राप्त होता है।
10. इस माह में उचित समय पर ककड़ी, केला, शहद, दूध और दही का भरपूर सेवन करना चाहिए।
11. इस मास में रविवार और गुरुवार को पुरुषोत्तम भगवान का षोडशोपचार पूजन करना चाहिए।
12. इस माह में आने वाली एकादशियों का व्रत विधिवत रूप से अवश्य रखना चाहिए।
13. इस मास में पुरुषोत्तम-माहात्म्य का पाठ भी अत्यन्त फलदायी है।
14. इस माह में नित्य पीपल के वृक्ष को कच्चा दूधा या मीठा जल अर्पित करना और उसका पूजन करना लाभदायी होता है।
15. इस संपूर्ण माह गोपी चंदन को पत्थर की शिला पर घीसकर अपने माथे पर लगाना चाहिए।
16. अपनी क्षमता अनुसार अन्न और वस्त्र दान करना चाहिए।
17. अधिकमास में भगवान विष्णु को खीर, पीले फल या पीले रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए। क्योंकि पुरूषोत्तम मास में भगवान विष्णु को यह बहुत पसंद है।
18. इस मास में दक्षिणावर्ती शंख में साफ पानी भरकर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं।
19. इस मास में प्रतिदिन कर्पूर और गुग्गल की धूप जलाकर वातारवर को शुद्ध और सुगंधित बनाएं रखना चाहिए।
20. नित्य यह श्लोक बोलना चाहिए:-
शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मीकान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम।।