Chanakya Niti : टीनएजर्स और यंग लोगों को जीवन में अभी बहुत कुछ करना होगा है। उनकी उम्र भटकाव की भी होती है। यदि सही मार्ग मिल जाए तो वे परिवार, समाज और देश के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। चाणक्य कहते हैं कि ऐसे में युआओं को 5 गलतियां कभी नहीं करना चाहिए। आओ जानते हैं कि कौनसी है वे 5 गलतियां।
युवाओं को अनुशासन में रहना चाहिए। अभिमान नहीं होना चाहिए लेकिन स्वाभिमान जरूर होना चाहिए। युआओं का अपना कोई लक्ष्य होना चाहिए लक्ष्य नहीं है तो जीवन एक भटकाव ही रहेगा। युवाओं को गलत कार्य और गलत आदतों से बचना चाहिए।
1. नशा : युवा यदि शराब पीने की गलती करते हैं तो यह गलती उनका कब शौक बन जाती है यह कह नहीं सकते हैं। अंत में शौक कब लत या आदत में बदल जाए कह नहीं सकते। चाणक्य कहते हैं कि नशा चाहे किसी भी चीज का हो यह युवाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बर्बाद कर सकता है। नशे की लत युवाओं को गलत काम करने को मजबूर कर देती है। और वे अपने साथ अपने संबंधियों को भी मुश्किल में डाल देते हैं। चाणक्य कहते हैं कि इनसे दूर रहें।
2. बुरी संगत : जो मित्र आपके सामने चिकनी-चुपड़ी बातें करता हो और पीठ पीछे आपके कार्य को बिगाड़ देता हो, उसे त्याग देने में ही भलाई है। चाणक्य कहते हैं कि वह मित्र उस बर्तन के समान है, जिसके ऊपर के हिस्से में दूध लगा है परंतु अंदर विष भरा हुआ होता है। चाणक्य कहते हैं कि संगत आदमी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जहां अच्छे लोगों का साथ आपको सफलता के मार्ग पर ले जा सकता है, वहीं बुरे लोगों के बीच में बैठना आपके जीवन को कष्टों से भर सकता है। इसलिए हर व्यक्ति को अपनी संगत सोच-समझकर चुननी चाहिए।
3. आलस्य करना : चाणक्य के अनुसार आलस्य व्यक्ति की उन्नति में बाधक है। किसी भी कार्य के प्रति आलस्य दिखाने से समय तो बर्बाद होगा ही आपकी सफलता में रुकावट भी आ जाएगी। युवाओं को आलस्य का त्याग करके हर काम सक्रिय रहते हुए अनुशासन के सात करना चाहिए, ताकि आलस्य जैसा शत्रु उनकी उन्नति में बाधा न बने।
4. कामांधता : युवाओं को काम की भावना से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह प्रगति में बाधक ही नहीं जीवन बर्बाद करने की क्षमता भी रखती है। यह जीवन पर नकारात्मक असर डालती हैं और इससे वर्तमान के साथ-साथ भविष्य भी खराब हो जाता है। इसीलिए युवाओं को अच्छे विचारों के साथ रहकर जीवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए।
5. असावधानी : जोश में होश खो देने के कारण कई बार नुकसान उठाना पड़ता है। किसी भी कार्य को करने में लापरवाही नहीं बरतना चाहिए। कई बार लापरवाही जीवन में बहुत भारी पड़ जाती। जिसका खामियाजा उन्हें बाद में उठाना पड़ता है। चाणक्य के अनुसार, कोई भी काम करने से पहले किसी अनुभवी इंसान से सलाह जरूर ले लेना चाहिए और उस कार्य को सावधानीपूर्वक करना चाहिए।