Chanakya Niti: यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आपको चाणक्य की 10 बातों को याद कर लेना चाहिए या गांठ बांध लेना चाहिए। यदि इनमें से आपने कुछ पर भी अमल कर लिया तो शर्तिया आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता है, क्योंकि आचार्य चाणक्य की नीति आज भी प्रासंगिक है और वर्तमान युग में तो यह ज्यादा पढ़ी जा रही है।
1. साहस : चाणक्य का मानना था कि जीवन में वही व्यक्ति सफल होता है जिसमें साहस है। साहस के साथ आगे बढ़ने की जरूरत होती है। आपके भीतर का डर जहां आपकी प्रतिभा को नष्ट कर देता है वहीं वह जीवन को भी नष्ट कर देता है। यह व्यक्ति को लक्ष्य से भी भटकाता है।
2. लक्ष्य : साहस के साथ ही आपके लक्ष्य भी निर्धारित रहना चाहिए और लक्ष्य को बदलना नहीं चाहिए। बार बार लक्ष्य को बदलने वाले जीवन में असफल ही हो जाते हैं।
3. लक्ष्य पर कार्य करना जरूरी : कई लोग हैं जिनके लक्ष्य तो निर्धारित होते हैं परंतु वे उसकी ओर बढ़ने के लिए या कदम बढ़ने के बारे में सिर्फ सोचते ही रहते हैं। चाणक्य कहते हैं कि आप जब तक अपने लक्ष्य की ओर कदम नहीं बढ़ाते हैं तब तक लक्ष्य भी सोया ही रहेगा।
4. अध्ययन के प्रति जुनून : आपको भी यदि सफल होना है तो कोर्स की किताबों के अलावा हर तरह की किताबों का अध्ययन करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान ही आपका सच्चा सहयोगी और मददगार होता है।
5. संपर्क और संबंधों का विस्तार : संपर्क और पर्सनल संबंधों का विस्तार ही आपको जहां लोकप्रिय बनाता है वहीं वह समय पड़ने पर आपके काम भी आते हैं। चाणक्य ने अपने संपर्क और संबंध के आधार पर ही मगध के साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया था।
6. किसी को छोटा न समझें : चाणक्य कहते हैं कि कभी भी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए। हर व्यक्ति आपके लिए महत्वपूर्ण होना चाहिए।
7. टीम वर्क : चाणक्य के खुद की एक टीम बनाकर बाद में भील, आदिवासी और वनवासियों को मिलाकर एक सेना तैयार की और सभी ने टीम बनकर कार्य किया और धननंद के साम्राज्य को उखाड़ फेंककर चंद्रगुप्त को मगथ का सम्राट बना दिया था। कोई भी व्यक्ति अकेला जरूर चलता है परंतु वह अकेला लक्ष्य तक पहुंच नहीं सकता।
8. श्रेय देना भी सीखें : यह बात आप हमेशा ध्यान रखें कि आपकी सफलता सिर्फ आपकी सफलता नहीं होती है। इसमें कई लोगों का योगदान रहता है जिससे भूलना नहीं चाहिए।
9. हार न मानें : चाणक्य के अनुसार जब आप लक्ष्य तय कर लें तो फिर उसे हटें नहीं, हार नहीं मानें। व्यक्ति को तब तक हार नहीं माननी चाहिए जब तक मंजिल ना मिल जाए।
10. क्रोध न करें और विनम्र बने रहें : चाणक्य के अनुसार क्रोध का भी उपयोग करते याद होना चाहिए। यदि आपका स्वभाव क्रोध करते रहने का है तो असफलता के लिए तैयार रहें। इसलिए क्रोध न करें और हमेशा विनम्र बनकर ही किसी के साथ व्यवहार करें।