HIGHLIGHTS
• वैशाखी गणेश चतुर्थी व्रत कब है।
• विकट संकष्टी चतुर्थी का महत्व जानें।
• विकट संकष्टी चतुर्थी पर किसका पूजन होता है।
Sankashti Chaturthi 2024 : विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत इस बार 27 अप्रैल 2024, दिन शनिवार को किया जाएगा। आइए जानते हैं यहां इस व्रत के महत्व और फायदे के बारे में-
व्रत का महत्व- हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और चंद्रमा उदय होने पर व्रत समाप्त किया जाता है। साथ ही इस दिन चौथ माता तथा चंद्रदेव का पूजन भी भी किया जाता है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश का पूजन किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश के एकदंत रूप की पूजा करने का विधान है। बारह मास के अनुक्रम में यह सबसे बड़ी चतुर्थी मानी गई है। चतुर्थी के व्रतों के पालन से संकट से मुक्ति मिलती है तथा आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। भविष्य पुराण के अनुसार संकष्टी चतुर्थी की पूजा और व्रत करने से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं।
गणेश पुराण के अनुसार इस व्रत के प्रभाव से सौभाग्य, समृद्धि और संतान सुख मिलता है। शाम को चंद्रमा निकलने से पहले श्री गणेश की एक बार और पूजा करके संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पुन: पाठ करने की मान्यता है। तत्पश्चात व्रत का पारण किया जाता है।
संकष्टी चतुर्थी व्रत के फायदे : Vikat Sankashti Chaturthi Ke Fayde
- चतुर्थी के देवता विघ्नहर्ता श्री गणेश हैं, अत: इस तिथि पर गणेश जी का पूजन-अर्चन करने से जीवन के समस्त विघ्नों का नाश होता है।
- चतुर्थी व्रत करने वाले व्यक्तियों की हर समस्या खत्म होकर शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- श्री गणेश शिव-पार्वती जी के पुत्र हैं, अत: गणेश पूजा से शिव-पार्वती जी अपने भक्त पर प्रसन्न होकर उन्हें वरदान देते हैं।
- चतुर्थी पर प्रथमपूज्य श्री गणेश की पूजा करने से नकारात्मकता दूर होकर जीवन में सुख-शांति आती है।
- चतुर्थी व्रत नियमपूर्वक करने से हर संकट दूर होकर धनलाभ प्राप्त होता है।
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