Mahakal sawari 2022: श्रावण और भादो मास में उज्जैन में प्रति सोमवार को महाकाल बाबा सावारी निकाली जाती है। आज यानी 22 अगस्त 2022 को महाकाल की शाही सवारी निकाली जा रही है। यह भाद्रमाह की अंतिम सवारी होगी। चांदी की पालकी में विराजकर बाबा अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर में भम्रण करते हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया करेगे पालकी का स्वागत : अंतिम सवारी राजसी ठाठ बाट के साथ निकाली जाती है। बाबा नगर भ्रमण पर शाम 4 बजे निकलेंगे। इस सवारी में प्रत्येक वर्ष परंपरा अनुसार सिंधिया राजघराने से देर शाम 5:00 बजे ज्योतिरादित्य सिंधिया श्री राम घाट पर पूजन अर्चन करेंगे और उसके बाद गोपाल मंदिर की छत्री से भगवान की पालकी का स्वागत करेंगे।
स्थानीय अवकाश घोषित : लगभग 7 किलोमीटर लंबा सवारी मार्ग रहेगा। शाही सवारी में भगवान भक्तों को छह स्वरूप में दर्शन देंगे। पूरे उज्जैन नगर को सजाया गया है। उज्जैन कलेक्टर ने सोमवार को उज्जैन में शाही सवारी निकलने के कारण स्थानीय अवकाश भी घोषित कर रखा है। अधिकारियों ने सवारी मार्ग के लिए कुछ एडवायजरी भी जारी की है, इसके मुताबिक इस मार्ग पर वाहन प्रतिबंधित रहेंगे।
3 लाख श्रद्धालु होंगे शामिल : शाही सवारी में भजन मंडलिया, सिम्बल डमरू समेत करीब 70 टीमें शामिल होंगी। शाही सवारी में स्थानीय पांच बैंड मधुर स्वर बिखेरेंगे। 1800 पुलिसकर्मी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। सवारी शाम 4 बजे से शुरू होकर महाकाल मंदिर पहुंचकर सवारी रात करीब 10 बजे समाप्त होगी। बताया जा रहा है कि सवारी में शामिल होने के लिए देशभर से करीब 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आ सकते हैं।
परंपरागत मार्ग : परंपरागत मार्ग के अनुसार महाकाल मंदिर से सवारी सबसे पहले कोटमोहल्ला पहुंचेगी। फिर क्रमवार गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंचेगी। यहां महाकाल पेढ़ी पर पालकी को विराजित किया जाता है। इसके बाद भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक करने के बाद पूजा करते हैं। पूजा के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती समाज का जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर के सामने से होकर ढाबारोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंचती है।