हिन्दू, जैन और बौद्ध सहित सभी भारतीय धर्म में मुंडन संस्कार किए जाने के बहुत ही ज्यादा महत्व है। आओ जानते हैं कि यह संस्कार कब-कब और क्यों किया जाता है।
मुंडन संस्कार :
हिन्दू और जैन धर्म में मुंडन संस्कार 3 वक्तों पर किया जाता है : पहला- बचपन में, दूसरा- गायत्री मंत्र या दीक्षा लेते वक्त और तीसरा- किसी स्वजन की मृत्यु होने पर।
इसके अलावा यज्ञादि विशेष कर्म और तीर्थ में जाकर भी मुंडन किया जाता है। दाह संस्कार के समय मृत व्यक्ति के पुरुष परिजनों के सिर मुंडाने की प्रथा चली आ रही है। मुंडन कराने के दो कारण हैं- पहला यह कि मृत व्यक्ति के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट कर उसे कम से कम तब तक याद रखना, जब तक कि मुंडन रहता है।
दूसरा यह कि सभी तरह के संक्रमण से बचने के लिए शरीर को शुद्ध और साफ कर लिया जाता है। मृतक के परिवार के सभी पुरुष सदस्य और काका-बाबा में सभी को मुंडन कराना चाहिए, ताकि सूतक का असर कम हो।