अधिकतर हिन्दू व्रत और त्योहार का संबंध ऋतु और मौसम से रहता है। 13 दिसंबर 2019 से पौष माह लगने वाला है जो नववर्ष 2020 में 20 जनवरी के दिन समाप्त होगा। इस माह में ठंड अधिक रहती है। दरअसल, शीत ऋतु दो भागों में विभक्त है। हल्के गुलाबी जाड़े को हेमंत ऋतु का नाम दिया गया है और तीव्र तथा तीखे जाड़े को शिशिर। यह दिसंबर से लगभग 15 जनवरी तक रहती है। यह ऋतु हिन्दू माह के मार्गशीर्ष और पौष मास मास के बीच रहती है।
हिंदू पंचाग के अनुसार साल के दसवें महीने को पौष का माह कहा जाता है। भारतीय महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं। जिस मास की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में रहता है उस मास का नाम उसी नक्षत्र के आधार पर रखा गया है। पौष मास की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है इसलिये इस मास को पौष का मास कहा जाता है।
पौष मास का महत्व : स्नान दान पूर्णिमा के पर अगहन मास समाप्त होकर पौष माह प्रारंभ होगा। पौष मास में सूर्य की उपासना का विशेष महत्व माना जाता है। सूर्य के तेज और देवगुरु बृहस्पति की दिव्यता से संपन्न पौष मास आध्यात्मिक रूप से समृद्धि देने वाला है। कुछ पुराणों में पौष मास के प्रत्येक रविवार तांबे के पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन, लाल रंग के पुष्प डालकर भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को अर्ध्य देने की भी मान्यता है। मान्यता है कि इस मास प्रत्येक रविवार व्रत व उपवास रखने और तिल चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से मनुष्य तेजस्वी बनता है।
पौष मास के व्रत और त्योहार
पौष मास कृष्ण पक्ष द्वितीया की रात्रि को पुष्य नक्षत्र लगेगा। दूसरे दिन नक्षत्र मान से चतुर्थी रहेगी। तीसरे दिन अर्थात 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन चतुर्थी और पंचम दोनों ही रहेगी।
फिर 17 दिसंबर कृष्ण पक्ष षष्ठी को खरमास प्रारंभ होगा। इसी दिन सौर पौष भी प्रारंभ होगा। इसके बाद 21 दिसंबर को पार्श्वनाथ जयंती है। दूसरे दिन अर्थात 22 दिसंबर को सफला एकादश का व्रत रहेगा। दूसरे दिन प्रदोष का व्रत रहेगा। फिर 24 दिसंबर को शिव चतुर्दशी रहेगी।
25 दिसंबर को श्राद्ध अमावस्या रहेगी। दूसरे दिन अर्थात 26 दिसंबर को भी स्नान दान अमावस्या रहेगी। 26 दिसंबर की अमावस्या खास है इसी दिन खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा। 27 दिसंबर अर्थात पौष शुक्ल एकम को चंद्र दर्शन होगा। फिर 30 दिसंबर से पंचक लग जाएंगे। पंचक पांच दिन तक रहते हैं।
इसके बाद 06 जनवरी 2020 को सोमवार के दिन पौष पुत्रदा एकादशी रहेगी। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखकर विधिपूर्वक भगवान विष्णु की पूजा करने से व्रती को संतान का सुख मिलता है।
फिर 10 जनवरी 2020 को पौष मास की पूर्णिमा रहेगी। धार्मिक कार्यों, भजन-कीर्तन आदि के साथ स्नान-दान आदि के लिए भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। पौष पूर्णिका का उपवास रखने की भी धार्मिक ग्रंथों में मान्यता है। वैसे पौष मास इस दिन समाप्त हो जाता है लेकिन बुधवार 15 जनवरी 2020 को दक्षिण भारत के हिन्दू पोंगल का त्योहार मनाते हैं। इसे मकर संक्रांति के रूप में भी मनाया जाता है।