vishnu puran prediction for high temperature: गर्मी ने इस साल अपना रौद्र रूप दिखा दिया है। कई जगह पारा 50 डिग्री सेल्सियस छूने को बेताब है, और देश के कई हिस्सों में लोग भीषण गर्मी से बेहाल हैं। दिन तो दूर, रात में भी मई की दोपहर जैसी गर्म हवाएं चल रही हैं, जिसने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। यह सिर्फ भारत की कहानी नहीं है; दुनिया के नक्शे पर नजर डालें तो कहीं जंगलों में भीषण आग लगी है, तो कहीं भूजल स्तर तेजी से गिरता जा रहा है। गर्मी का यह विकराल रूप हर साल बढ़ता ही जा रहा है, और यह चिंताजनक स्थिति कई सवाल खड़े कर रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि गर्मी का यह भयानक रूप कहीं विष्णु पुराण की भविष्यवाणी का संकेत तो नहीं। आइये जानते हैं :
क्या है विष्णु पुराण की भविष्यवाणी
विष्णु पुराण के तीसरे अध्याय में सृष्टि के अंत का वर्णन किया गया है, जिसमें कहा गया है कि पृथ्वी का अंत सूर्य की जला देने वाली तपिश से होगा। इस बात को लेकर आशंकाएं गहरा रही हैं कि क्या विष्णु पुराण में वर्णित सृष्टि के बिगड़ने की भविष्यवाणी सच होने वाली है?
विष्णु पुराण में, महर्षि पराशर ने अपने शिष्य श्रीमैत्रेय जी को विस्तार से बताया है कि कैसे और कब पृथ्वी का अंत होगा। उन्होंने कहा है कि जब धर्म का नाश होगा, और अधर्म बढ़ेगा, तब पृथ्वी पर भयानक आपदाएं आनी शुरू होंगी। इस विनाश का एक बड़ा कारण सूर्य की अत्यधिक तपिश भी बताई गई है।
विष्णु पुराण के अनुसार कब होगा पृथ्वी का अंत ?
विष्णु पुराण के अनुसार, पृथ्वी का अंत कई चरणों में होगा। इसमें सबसे पहले तो सूर्य की गर्मी इतनी बढ़ जाएगी कि सभी जल स्रोतों को सोख लेगी। नदियाँ, समुद्र, झीलें - सब सूख जाएंगे। इसके बाद, पृथ्वी पर जीवन असंभव हो जाएगा। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और अंत में मनुष्य भी इस गर्मी का सामना नहीं कर पाएंगे।
महर्षि पराशर बताते हैं कि यह प्रक्रिया अचानक नहीं होगी, बल्कि धीरे-धीरे बढ़ेगी। जिस तरह हम आज गर्मी का प्रकोप हर साल बढ़ता हुआ देख रहे हैं, यह उसी प्रलय के छोटे-छोटे संकेत हो सकते हैं। जंगलों की आग, पानी की कमी, और बढ़ते तापमान - ये सभी संकेत विष्णु पुराण की भविष्यवाणी से मेल खाते हुए दिखाई देते हैं।
क्या हम विनाश की ओर बढ़ रहे हैं?
आज के वैज्ञानिक भी ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की चेतावनी दे रहे हैं। उनका कहना है कि अगर हमने कार्बन उत्सर्जन कम नहीं किया, तो पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ेगा, जिससे ग्लेशियर पिघलेंगे, समुद्र का स्तर बढ़ेगा, और कई प्राकृतिक आपदाएं आएंगी। यह स्थिति विष्णु पुराण में वर्णित प्रलय के काफी करीब लगती है। यह सोचने वाली बात है कि क्या यह सिर्फ एक संयोग है कि आज की गर्मी और विष्णु पुराण की भविष्यवाणी इतनी समान लग रही हैं, या यह वास्तव में एक चेतावनी है?
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